गोवंशों की मौत के बाद जागा जिला प्रशासन, अब यहां बनेगा गोवंश आश्रय स्थल


जिलाधिकारी ने गोवंशों की आपस में कुचलकर हुई मौत पर लिया निर्णय


गांव के लोग अब अपने पशुओं को भी उसी भीड़ में छोड़ रहे हैं : सीवीओ


ग्रामीणों का आरोप रू जलनिगम प्रांगण में रखे गोवंशों के लिए भूसा अपर्याप्त

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। जनपद में बीते दिन ट्रकों में लदे छुट्टा गोवंशों की आपस में कुचलकर मौत को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने गंभीरतापूर्वक लिया है। उन्होंने अमौली में तत्काल गोवंश आश्रय स्थल स्थापित करने और आस-पास के गांवों के आवारा पशुओं को उनमें रखकर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। 



बुधवार को विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान डीएम ने यह कहा। उन्होंने अमौली में गोवंश आश्रय स्थल स्थापित करने के लिए जमीन चिह्नित कराने को कहा। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) डॉ. वीबी सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में अमौली गांव की सीमा पर स्थित जल निगम परिसर में रखे गये छुट्टा गोवंशों के लिए शेड लगावाया गया है। साथ ही भूसा और पेयजल आदि का प्रबंध किया गया है। डॉ. ने आरोप लगाया कि अमौली और निकट स्थित सिरिस्ती गांव के लोग जहां छुट्टा पशुओं के चलते रोष में हैं और उन्होंने ह७ी जल निगम प्रांगण में उन पशुओं को कैद किया था, वहीं अब अपने गोवंशों को भी पशुओं के उसी भीड़ छोड़ रहे हैं। कारण, बीते मंगलवार को वहां 63 पशु थे जिनकी संख्या बुधवार को बढ़कर 90 हो गयी। 



दूसरी ओर, चिरईगांव प्रतिनिधि के अनुसार सिरिस्ती और अमौली सीमा पर जलनिगम परिसर में कैद गोवंशों के लिए बुधवार को भूसा और शेड के लिए तिरपाल की व्यवस्था करायी गयी। उन पशुओं की सुरक्षा के लिए मौके पर सफाईकर्मियों की ड्यूटी लगी है। सफाईकमियों को तीन पालियों में मौजूद रहने के निर्देश हैं। ग्रामीणों के अनुसार उस शेड में उपलब्ध कराये गये भूसे का मात्रा अपर्याप्त है। उधर, छाहीं गांव स्थित गोवंश आश्रय स्थल में बीमार दो पशुओं का इलाज पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरए चौधरी ने किया।


 
 


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