गैर इरादतन हत्या में दस साल की सजा
रवि प्रकाश सिंह
वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम चतुर्थ) रामचंद्र की अदालत ने गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी पाने पर रामनगर के सूजाबाद निवासी अभियुक्तगण एजाज व उसकी पत्नी लाडो को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास व पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन के एडीजीसी विनय कुमार सिंह व वादी के अधिवक्ता शाहनवाज परवेज के अनुसार रामनगर के सूजाबाद निवासी नूरजहां ने रामनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि 24 अक्टूबर 2016 को शाम सात बजे बच्चों में हुए विवाद को लेकर पड़ोस में रहने वाला एजाज व उसकी पत्नी लाडो गालियां देते हुए घर मे घुस आए। इस दौरान उनलोगों ने वादिनी व उसके पुत्र शाहिद जमाल को लाठी-डंडे व लात-घूसों से मारने पीटने लगे। शोर सुनकर उसका छोटा लड़का खुर्शीद जमाल बीच-बचाव करने पहुंचा तो हमलावरों ने उसे भी मारपीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। गंभीर रूप से घायल खुर्शीद को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान 29 अक्टूबर को उसकी मृत्यु हो गयी।
अधिवक्ता आत्महत्या की जांच की मांग
जिला जज से मिलकर अधिवक्ता ने घटना पर जताया संदेह
वाराणसी। दीवानी न्यायालय परिसर के नवनिर्मित नौ मंजिले भवन से अधिवक्ता प्रशान्त सिंह की छलांग लगाकर मौत के मामले को संदेहास्पद और रहस्यमयी बताते हुए अधिवक्ता का एक दल जिला जज से मिला और उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
अधिवक्ताओं का कहना था कि 8.30 बजे मृत अधिवक्ता बहुमंजिले बिल्डिंग के नीचे सी सी फुटेज में दिखे फिर 8.38 बजे बहुमंजिले बिल्ड़िंग पर सीढ़ी से चढ़ना कपड़ा उतारना और छलांग लगाना संदेहास्पद है। ऐसे में जिला प्रशासन और प्रदेश शासन से पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने का अनुरोध किया गया। जिला जज ने अधिवक्ताओं से कहा कि इस मामले की विवेचना पुलिस हर बिन्दुओं पर कर रही और उस बाबत बराबर जानकारी ली जा रही है। जिला जज से मिलने वालों में अशोक उपाध्याय,संजय दाढ़ी,कन्हैया पटेल,विवेक सिंह,राजा आनन्द ज्योति सिंह,शुशील श्रीवास्तव,ऋषिकांत सिंह,अशोक कुमार समेत काफी संख्या में अधिवक्ता शामिल रहे।