दूध वालों की सुध लेने वाला कोई नहीं! चकिया तिराहे पर करते हैं....


दूध मंडी ना होने से सड़क किनारे खड़े होकर दूध बेचते है दूधिये



जनसंदेश न्यूज
अलीनगर/चंदौली। पिछले कई दशकों से मुगलसराय में सड़क के किनारे खड़े होकर दूध बेचने का काम कर रहे दूधियों की सूध लेने वाला कोई नहीं हैं। आज भी इन दूधियों को दूध मंडी की दरकार है। दूधियों का कहना है कि सरकारी अफसरों व नेता हमेशा उनके प्रति उदासीन रहे हैं। आलम यह है कि पिछले कई दशक पहले से आसपास के कई दर्जन गांवों से पशुपालक व दूधिया अपने दूध का उचित मूल्य पाने व बेचने के उद्देश्य से मुगलसराय शहर से सटे चकिया तिराहे पर सड़क किनारे अपने दूध को बेचते चले आ रहे हैं। 
इस वक्त दूधिये जहां बेच रहे थे। वहां अब भारत पैट्रोलियम का पेट्रोल पंप खुल जाने के बाद एक बार फिर इनको इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। लेकिन उसके बावजूद शासन द्वारा इस पर दूधियों के लिए स्थाई मंडी बनाने के लिये अभी तक कोई पहल नहीं किया गया। पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में सपा नेता संतोष यादव ने यह मुद्दा उठाकर स्थाई मंडी बनाने के लिए एक पत्रक तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंपा था। सत्ता परिवर्तन होने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में हो जाने के कारण दूधियों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। 
इसको लेकर दूधिया रामजी यादव, शिव कुमार यादव, बेचू यादव, रमेश यादव, दुलारे यादव, पप्पू यादव, महेंद्र यादव, लखंदर यादव, जोगिंदर यादव, संजय यादव, धर्मराज यादव ने जिला प्रशासन व स्थानीय नेताओं से समस्या के संदर्भ में पहल करने की मांग की है।


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