बजट 2020 पर चार्टेड एकाउटेंट (CA) की क्या है राय, पढ़िएं जनसंदेश के साथ खास बातचीत में बजट की महत्वपूर्ण बातें......



जनसंदेश न्यूज़
बलिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया देश के इतिहास का सबसे लंबा बजट भारत के लंबी अवधि के ढांचागत विकास के प्रति समर्पित रहा। इस बजट में जहां एक तरफ देश के आर्थिक, वित्तीय विकास के प्रति सकारात्मक पहल की गई है। वहीं आम आदमी के जीवन स्तर को और सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आयकर तथा जीएसटी के नियमों में भी कई परिवर्तन किए गए हैं। यह बातें जनसंदेश टाइम्स के बातचीत के दौरान पेशे से चार्टेड एकाउटेंट बलजीत सिंह ने कहीं।
बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रस्तावित बजट में आय कर प्रावधानों का विस्तृत चर्चा की जाए तो व्यक्तिगत करदाताओं से सम्बंधित कुछ शर्तों के साथ आय कर की दरों में कटौती की गई है, पहले जहां 5 लाख से 10 लाख तक के कर योग्य आय पर पहले 20 प्रतिशत की दर से कर लगता था। वहीं अब बिना किसी छूट अथवा कटौती का लाभ दिए बिना 5 लाख से 7.50 तक 10 प्रतिशत और 7.50 लाख से 10 लाख तक 15 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। इसी प्रकार जहाँ पहले 10 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगता था, वही प्रस्तावित नियमों में 10 लाख से 12.50 लाख तक 20 प्रतिशत की दर से, 12.50 से 15.00 लाख तक की आय पर 25 प्रतिशत तथा 15 लाख से ऊपर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रावधान हैं। सभी व्यक्तिगत करदाताओं को यह विकल्प दिया जाएगा कि वो या तो करदाता बिना किसी आयकर कटौती तथा छूट का लाभ लिए नई स्किम के अंतर्गत टैक्स भरे, या फिर पुरानी वर्तमान स्किम से आय कर अदा करें। 
इसी प्रकार निर्माण के क्षेत्र में लगी नई कंपनियों के आयकर की दरों में भी कटौती की गई हैं, कंपनियों के डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को हटा दिया गया हैं। बजट के अन्य प्रावधानों की चर्चा की जाए, तो यह समझ मे आता हैं कि किसान, शिक्षा जनकल्याण हेतु कई योजनाएं शुरू करने का प्रावधान हैं, छोटे शहरों में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जिलों में पीपीपी मॉडल से मेडिकल कॉलेज खोलकर  जिला अस्पताल को जोड़ने का प्रस्ताव हैं। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। 
साथ ही आम आदमी द्वारा बैंको में जमा की गई धनराशि पर सरकार द्वारा बीमा की सीमा को 1 लाख से बढ़ा कर 5 लाख कर दिया गया हैं, जिससे आम जनता की जमा रकम बैंको के बंद अथवा दिवालिया होने के समय ज्यादा सुरक्षित होगी। उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई सेक्टर के लिए नई लोन स्किम तथा कई सुविधाएं मुहैया कराने की योजनाएं शुरू की गई हैं, तथा हर जिले को मैनुफैक्चरिंग हब बनाने की पहल भी की गई हैं साथ ही निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई सुधारों का ऐलान किया गया है। 


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

चकिया प्रीमियर लीग के फाइनल में केजीएन क्लब ने धनावल को दी शिकस्त, यह रहे मैच के हीरो

काशी विद्यापीठ में शोध के लिए निकलेगा आवेदन, अब साल में दो बार होगी पीएचडी की प्रवेश परीक्षा