बढ़ते छुट्टा पशु, अन्नदाता लाचार, चोलारपुर इलाके के विभिन्न गांवों में घूम रहे आवारा पशु


अच्छी खेती को किसान पाठशाओं के औचित्य पर सवाल

जनसंदेश न्यूज
दानगंज। स्थानीय क्षेत्र में छुट्टा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन निराश्रित पशुओं की धर-पकड़ कर गोवंश आश्रय स्थलों पर न भेजे जाने से मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। फलस्वरू किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
पूर्व यह समस्या नीलगाय, साही और जंगली सूअरों तक ही सीमित थी लेकिन अब प्रत्येक गांव में दर्जनों की संख्या में छुट्टा बछड़े, सांड़ व गाय दिख रहे हैं। उन पशुओं को एक स्थान से दूसरे की स्थान का खेतों में हांकने को लेकर प्रायरू विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। चोलापुर क्षेत्र के धरसौना, दानगंज, बेला, महमूदपुर, जरियारी, भदवां, कैथोर, बंतरी, सुआरी, नियारडीह समेत दर्जनों गांवों में छुट्टा पशु गेहूं और सरसों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इस बारे में किसानों के आरोप लगाया कि यदि इन पशुओं को वह किसी साधन से दूर छोड़ने की कोशिश करते हैं तो पुलिस पशु क्रूरता निवारण अधिनियम जैसे कठोर कानून के तहत कारईवाई कर अन्नदाताओं को सलाखों के पीछे भेज रही है। ऐसे में किसानों के सामने ‘आगे कुआं-पीछे खाई’ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। क्षेत्र के किसान संतोष चौबे, संजय सिंह, कल्लू सिंह, विजय शंकर चौहान, राजेश चौहान, नंदलाल, कन्हैया प्रजापति, सूबेदार यादव आदि किसानों ने गहरी नाराजगी जतायी।
उन्होंने कहा कि उन्नत खेती के लिए आयोजित होने वाली किसान पाठशालाओं में भले ही खेती-बाड़ी के बेहतर तरीके बताए जाते हों लेकिन जब छुट्टा पशुओं से फसल बचेगी ही नहीं तो उन्नत खेती का दावा थोथा है। किसान पहले ही अपनी उपज के उचित मूल्य को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं। अब फसल के लगभग 60 फीसदी से अधिक हिस्से को छुट्टा पशु अपना आहार बना रहे हैं। जिससे उत्पादित फसल का लागत मूल्य निकलना भी दूभर हो गया है। किसानों ने कहा कि छुट्टा पशुओं की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि अन्नदाता दाने-दाने को मोहताज होने की स्थिति में हैं।
डरा रहे अन्नदाताओं को
दानगंज के किसानों का आरोप है कि शासन की निराश्रित पशुओं की रोकथाम की कवायद कागजों पर ह७ी दिख रही है। स्थापित किये गये आश्रय स्थलों के बाहर अवारा पशु घूमते दिख रहे हैं। उनकी धर-पकड़ करने पर किसानों को ही कार्रवाई का डर दिखाया जा रहा है। चोलापुर ब्लाक के बेला गांव के निकट स्थित एक बगीचे में हाल ही में इकट्ठा किये गये छुट्टा पशुओं को छुड़ाने पहुंचे एसडीएम सदर और बीडीओ को किसानों ने गौशाला निर्माण की मांग करते हुए बैरंग लौटा दिया था। उससे नाराज अफसरों ने पशुपालकों के खिलाफ रपट लिखवा दी थी।
शुरु नहीं हुई गौशाला
चोलापुर क्षेत्र के भदवां में दो सप्ताह पहले गौशाला का निर्माण करा दिया गया। उसमें नाद, टिन शेड आदि की लगाया गया है लेकिन चारा-पानी और पशुओं की देखरेख का कोई भी प्रबंध अबतक नहीं है। उस आश्रय स्थल के बाहर छुट्टा पशु घूम रहे हैं।


 


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