अधिवक्ताओं को मनाने पहुंची विधायक व डीएम, नहीं बनीं बात, बैरंग लौटाया, ऐसा होने पर ही समाप्त होगा अनशन! 


न्याय विभाग के पक्ष में खतौनी देने की बात पर अड़े रहे अधिवक्ता

जनसंदेश न्यूज़
चंदौली। जिला न्यायालय निर्माण को लेकर अधिवक्ताओं का आमरण अनशन व आंदोलन को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने शनिवार को संज्ञान लिया और अधिवक्ताओं को मनाने सदर कचहरी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधिवक्ताओं की बात सुनी और एक सप्ताह के अंदर न्यायालय निर्माण के लिए जमीन रजिस्ट्री का भरोसा दिया, लेकिन अधिवक्ता लिखित आश्वासन की बात पर अड़े रहे। ऐसे में डीएम व विधायक साधना सिंह को बैरंग वापस लौटना पड़ा। 
चेताया कि जब तक भूमि की रजिस्ट्री कराते हुए खतौनी नहीं दे देते, तब तक अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी रहेगा। उधर, कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय राय कांग्रेसियों संग अधिवक्ताओं के अनशन पर पहुंचे और आंदोलन में साथ चलने का आह्वान किया।
इस मौके पर आल इंडिया बार काउंसिल के उपाध्यक्ष अरुण त्रिपाठी ने कहा कि जिला न्यायालय निर्माण की लड़ाई अधिवक्ताओं की नहीं, बल्कि पूरे जनपदवासियों की है। न्यायालय होगा तो अधिवक्ता वादकारियों को न्याय दिलाने का काम करेंगे। जिला प्रशासन ने जिला न्यायालय निर्माण में जान-बूझकर विलंब किया है। आज अधिवक्ता जिला प्रशासन व सरकार के खिलाफ सड़क पर हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जिलाधिकारी व जिला प्रशासन भ्रामक व गोलमोल बातें करके भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। अब इससे काम नहीं चलने वाला है अधिवक्ता व जनता काम और विकास चाहती है, जिसके लिए आज वो सड़क पर हैं। 



डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया कि न्यायालय निर्माण के लिए जो भी पेंच थे उसे दूर कर लिया गया है। जमीन की रजिस्ट्री के लिए न्याय विभाग की ओर से नोडल अफसर भी नियुक्त किए जा चुके हैं। वहीं 55 लाख स्टाम्प ड्यूटी को लेकर शासन से आदेश प्राप्त हो चुका है। जिस प्रारूप पर रजिस्ट्री होनी है वह शासन से प्राप्त नहीं हुई है। उक्त प्रारूप प्राप्त होते ही जिला न्यायालय निर्माण के लिए रजिस्ट्री का काम आरंभ कर दिया जाएगा। 
उधर, साधना सिंह ने भी अधिवक्ताओं को मनाने का प्रयास किया और भरोसा दिया कि हम सभी आपके साथ है। बावजूद इसके आंदोलित व अनशनरत अधिवक्ता नहीं माने। उन्होंने साफ कहा कि जब तक न्याय विभाग के पक्ष में खतौनी जिला प्रशासन नहीं दे देता आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान अधिवक्ताओं ने विरोध में जमकर नारेबाजी भी की। ऐसे में विवश होकर डीएम व विधायक साधना सिंह को अधिवक्ताओं के आंदोलन से निराश होकर वापस लौटना पड़ा। 
इस अवसर पर अध्यक्ष अनिल सिंह, नन्दलाल प्रसाद, मोहम्मद अकरम, राजेश दीक्षित, उज्ज्वल सिंह, दिनेश यादव, राघवेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, सुरेश सिंह, अनिल सिंह पप्पू, इंदिरा तिवारी, प्रतिमा दूबे, नारायण मूर्ति ओझा आदि उपस्थित रहे। संचालन राकेश रत्न तिवारी ने किया।


 


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