युवा संसद ने नागरिकता संसोधन को कानून को बताया राष्ट्रहित का कानून
सदन सभी सदस्यों ने नागरिकता संसोधन कानून को ठहराया सही
समाज के युवाओं के बीच फैलाये जा रहे भ्रम से सचेत रहने की सलाह
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। काशियाना फाउण्डेशन द्वारा शुक्रवार को नागरिकता संसोधन कानून विषयक युवा संवाद का आयोजन हुआ। युवा संसद में सर्वसम्मिति से यह पारित हुआ कि नागरिकता संसोधन कानून नागरिकता प्रदान करने वाला है न कि हनन करने वाला। संसद में युवाओं ने इसे राष्ट्र विरोधी नहीं बल्कि राष्ट्रहित का अधिनियम बताया।
युवा संसद सदस्यों ने कहा कि इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2019 के पहले के जो भी शरणार्थी पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश से आये हुये है जिनको किसी भी देश में नागरिकता नही मिली है, उन्हें भारत मे नागरिकता देने के लिए यह कानून लाया गया है। जो इस देश के नागरिक है उन्हें इस कानून से कोई समस्या नहीं होगी। इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं जायेगी, नहीं बल्कि नागरिकता लोगों को मिलेगी।
सदन ने सर्वसहमति से डॉ उत्तम ओझा को सदन का अध्यक्ष चुना गया। जिसके बाद चली कार्यवाही में ’काशियाना फाउंडेशन के संस्थापक समित सिंह ने नागरिकता संशोधन कानून के बारे में उसके मूल्यों को सदन में सभी सदस्यों को अवगत कराते हुए समाज में फैलाये जा रहे भ्रम से सचेत रहने की सलाह दी।
सदन में हिन्दू, मुस्लिम, क्राइस्ट, सभी धर्मों के लोग रहे उपस्थित
सदर की कार्यवाही के दौरान रेहान खान ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे मुस्लिम समाज का किसी भी प्रकार का अहित नही होता है। डॉ सुनील मिश्र ने बताया कि यह नागरिकता कानून दूसरे देशों में निवास करने वाले भारतवंशी अल्पसंख्यकों के नागरिक अधिकारों से जुड़े हुए समस्त अधिकारों को संरक्षण प्रदान करने का कानून होगा।
रिजो बिशप ने बताया कि इससे समाज मे जो भी गलत मेसैज दी जा रही है उसे लोगों बीच मे जाकर आम जनमानस को उचित मेसैज देने का कार्य सरकार करे। सदन में विपक्ष के नेता रोशन कुमार ने मुस्लिम भाइयों का पक्ष रखा। सदन में मुख्य रूप से गौरव सिंह पिंचु, गौतम दुबे, नंदन वर्मा और प्रवीण उपस्तिथ रहे।