श्मशान में अनुसूचित जाति की महिला का नहीं होने दिया अंतिम संस्कार, चिता की लकड़ियां उठा कर फेंकी
जनसंदेश न्यूज़
अलीगढ़। क्वार्सी क्षेत्र के गांव कोंछोड़ स्थित श्मशानघाट पर एक घटना सामने आया, जिसने पूरी मानव जाति को शर्मसार कर दिया। हुआ कुछ यूं कि श्मशानघाट पर सवर्णों ने एक महिला का अंतिम संस्कार सिर्फ इसलिए रोक दिया, क्योंकि वह अनुसूचित जाति की थी। यहीं नहीं आरोप यह भी है कि उन्होंने चिता से लकडिय़ां तक उठाकर फेंक दी और पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही। दो घंटे चले हंगामे के बाद जब कोई रास्ता नहीं दिखा, तो परिजनों ने मजबूरन शव का खेत में अंतिम संस्कार किया।
गांव कोंछोड़ निवासी अरविंद कुमार की मां हंसो देवी (70) का बुधवार सुबह निधन हो गया। अंतिम संस्कार करने के लिए गांव में बने श्मशानघाट पहुंचे। जहां पहुंचे सवर्ण समाज के कुछ लोगों ने दंबगई करते हुए शव के दाह संस्कार को रोक दिया और लकडिय़ां उठाकर फेंक दीं।
काफी देर तक दोनों पक्षों के बीच चली के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला तो पुलिस को सूचना दी गई। लेकिन काफी देर बाद पहुंची पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। अंततः कोई निष्कर्ष निकलता ना देख परिजन मजबूरी में शव का एक खेत अंतिम संस्कार किया।
इस संबंध में क्वार्सी इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने बताया कि खेत में नहीं, बल्कि श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया गया है। अगर कोई तहरीर मिलेगी, तो उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं बसपा के पूर्व को-आर्डिनेटर रतनदीप सिंह ने आक्रोश जताया है।