संयुक्त मकान मालिक नहीं भर  सकेंगे ‘सहज’ फॉर्म में रिटर्न

असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए रिटर्न दाखिल करने को किए गए हैं कई बदलाव
एक लाख सालाना बिजली बिल जमा करने वालों को नहीं भरना होगा आईटीआर-वन
विदेश यात्राओं पर दो लाख रुपये से अधिक खर्च करने पर भी नहीं मिलेगा सामान्य फॉर्म


जनसंदेश न्यूज 
वाराणसी। आयकर रिटर्न फॉर्म के उपयोग में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। घर का संयुक्त मालिकाना अधिकार रखने वाले, साल भर में एक लाख रुपये का बिजली बिल भरने वाले या विदेश यात्राओं पर दो लाख रुपये से अधिक खर्च करने वाले व्यक्तिगत करदाता अब सामान्य आईटीआर-वन फॉर्म में आयकर रिटर्न नहीं भर सकेंगे। ऐसे करदाताओं को दूसरे फॉर्म में रिटर्न भरना होगा। 
आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो सरकार आम तौर पर हर साल अप्रैल में आयकर रिटर्न भरने के फॉर्म की अधिसूचना जारी करती है। हालांकि सरकार ने इस बार असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए तीन जनवरी को ही अधिसूचना जारी कर दी थी। मौजूदा व्यवस्था के तहत 50 लाख रुपये तक की सालाना कमाई करने वाले आम निवासी व्यक्ति आईटीआर-वन ‘सहज’ फॉर्म भर सकते हैं। इसी प्रकार व्यवसाय और पेशे से होने वाली अनुमानित और 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले हिंदू अविभाजित परिवार, एलएलपी को छोड़कर अन्य कंपनियां, व्यक्तिगत करदाता आईटीआर-फोर ‘सुगम’ में रिटर्न भरते हैं। 
नयी अधिसूचना के मुताबिक, इसमें दो महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यदि किसी व्यक्ति के पास घर का संयुक्त मालिकाना अधिकार है तो वह आईटीआर-वन या आईटीआर-फोर में रिटर्न नहीं भर सकता है। दूसरे, जिनके पास बैंक खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक जमा राशि है या जिन्होंने विदेश यात्राओं पर दो लाख रुपये खर्च किए हैं अथवा साभर में एक लाख रुपये या इससे अधिक का बिजली बिल भरा है, उनके लिए आईटीआर-वन में रिटर्न भरना वैध नहीं होगा। ऐसे करदाताओं को अलग फॉर्म भरना होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि जो ‘किसी हाउस प्रॉपर्टी में दो या अधिक लोगों के साथ ज्वाइंट ओनरशिप हो’, उसे आयकर रिटर्न देना होगा। 


 


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