पुलिसकर्मी ने पत्रकार के साथ किया दुर्व्यवहार, पत्रकारों में आक्रोश


पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
घटना के उच्चस्तरीय जांच के साथ कार्रवाई मांग




जनसंदेश न्यूज़
मऊ। यूपी पुलिस का एक स्लोगन है ‘हम है न’ ये स्लोगन पुलिस आम आदमी के साथ अपने को जोड़ने, उसको सुरक्षा का एहसास दिलाने के लिए इस्तेमाल करती है। लेकिन सावधान रहिये, यूपी पुलिस ये स्लोगन अपराधियो में भय के लिए नही बल्कि आम आदमी में भय के लिए इस्तेमाल कर रही है। 
जी हां हम बात कर रहे है मऊ जिले की पुलिस की। जिसकी मनमानी का आलम यह है कि यदि रात में आप निकलते है तो चोरों से नही बल्कि आपको इनसे सतर्क रहने की जरूरत है। आम आदमी का क्या पत्रकार तक इनसे सुरक्षित नही है। बीती रात करीब 1 बजे को आज अखबार के ब्यूरो चीफ ऋषिकेश पांडेय अपने घर दुलहपुर के लिए निकले थे, तभी बुनकर कालोनी के पास मोटरसाइकिल पर सवार दो पुलिसकर्मी ने उनका रास्ता रोकते हुए उनसे बदसुलूकी किये और उनका पॉकिट चेक करते हुए मोबाइल छीन लिए।
जब पत्रकार ने अपना परिचय देते हुए अपना परिचय पत्र दिखया तो उन्होंने कहा कि ये नकली है अपना आधार कार्ड दिखाओं। पुलिसकर्मियों ने पत्रकार के साथ बत्तमीजी भी किया। इसको लेकर जब पत्रकार ने एसओ सरायलखंसी तथा एसपी को फोन करते रहे, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नही दिया और नही कॉल का जवाब दिया। 
इस घटना को लेकर जिले के पत्रकारों में बहुत ही रोष है। इस घटना को लेकर जिले के पत्रकारों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। जिसमें मुख्य रूप से ऋषिकेश पांडेय, हरिद्वार राय, अमित त्रिपाठी, आनंद गुप्ता, रविन्द्र सैनी, विनोद सिंह आदि पत्रकार शामिल रहे।


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