पढ़िए भारतीय बजट का रोचक इतिहास, छपाई के पहले सब चखते है हलवा का स्वाद, 15 दिनों तक.....


जनसंदेश न्यूज़
नईदिल्ली। aam budget 2020 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश करने जा रही है। बढ़ती महंगाई, लगातार गिरती अर्थव्यवस्था और सरकार के पांच ट्रिलियन के जादुई आंकड़े को देखते हुए यह बजट काफी अहम माना जा रहा है। जिसको लेकर आम लोगों के बीच उत्साह भी देखा जा रहा है। भारत में बजट का इतिहास 159 साल पुराना है, जहां पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से 7 अप्रैल 1860 को मशहूर अर्थशास्त्री जेम्स विलियम ने पेश किया था। जो कुल 197 करोड़ का था। जिसके बाद शुरू हुई इस परंपरा पर हर वर्ष आम लोगों की विशेष नजर रहती है।
तो आइए भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए हर वर्ष पेश किये जाने वाले बजट का का प्रमुख इतिहास जानते है.....
-देश की आजादी के बाद पहला बजट 28 जनवरी 1950 को जान मथाई ने पेश किया गया।
-1955-56 के बाद बजट पेपर हिंदी में भी छापे जाने लगे।
-अब तक देश के पांच वित मंत्री प्रधानमंत्री तथा दो वित्त मंत्री राष्ट्रपति बने हैं। जिसमें प्रणव मुखर्जी और आर वेंकटरमन राष्ट्रपति बनें और चरण सिंह, इन्द्र कुमार गुजराल, रमन सिंह, वीपी सिंह और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बनें। 
-अब तक देश के 26 वित्त मंत्री में से 11 के पास कानून की डिग्री रही है।
-अब तक सबसे अधिक 10 बार मोरारजी देसाई और 9 बार पी. चिदंबरम ने बजट पेश किया है।
-1951 से 2019 तक 9 वित्त मंत्री बजट पेश कर चुके है।
-1991 में मनमोहन सिंह बजट भाषण सबसे लंबा बजट भाषण है।
-बजट पेश होने के दौरान जटिल प्रक्रिया को देखते हुए इसके पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। छपाई शुरू होने के पहले हवला सेरेमनी होता है, जिसमें सबसे पहले हलवा वित्त मंत्री चखते है।
-इसकी गोपनीयता को देखते हुए नार्थ ब्लाक में जहां बजट की छपाई होती है। वहां बजट छपाई प्रक्रिया शुरू होने के बाद से लेकर बजट पेश होने तक कोई ना अंदर जा सकता है और ना ही कोई बाहर आ सकता है। यह प्रक्रिया 15 दिनों तक जारी रहती है।  


 


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