मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी को.....दूर कीजिए उलझन


ज्योतिषीय गणना बता रही 15 को ही करें संक्रांति का दान पुण्य और मनाएं उत्सव: आचार्य विशाल पोरवाल
सूर्य का मकर राशि में आगमन 14 की मध्य रात्रि के बाद रात 2 के बाद से



जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। मकर संक्रांति को लेकर लोगों में उलझन की स्थिति बनी हुई है। लोग सवाल कर रहे हैं कि मकर संक्रांति इस साल 14 जनवरी को मनाएंगे या 15 जनवरी को। अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो इस सवाल सीधा और सटीक जवाब यह है कि इस साल आपको ज्योतिषीय गणना के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांति का दान पुण्य और उत्सव मनाना चाहिए।
वाराणसी के जाने-माने ज्योतिषविद आचार्य विशाल पोरवाल ने यह जानकारी दी। बताया कि 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाए जाने के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि इस साल सूर्य का मकर राशि में आगमन 14 जनवरी मंगलवार की मध्य रात्रि के बाद रात 2 बजकर 7 मिनट पर हो रहा है। मध्य रात्रि के बाद संक्रांति होने की वजह से इसके पुण्य काल का विचार अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दोपहर तक होगा। शास्त्रीय नियम के अनुसार मध्यरात्रि में संक्रांति होने पर पुण्य काल का विचार अगले दिन का होता है। इसी वजह से इस वर्ष मकर संक्रांति बुधवार 15 जनवरी को मनाया जाना शास्त्र सम्मत होगा।
आचार्य पोरवाल ने बताया कि सूर्य के मकर में प्रवेश के समय तुला लग्न जागृत रहेगा और नक्षत्र पूवार्फाल्गुनी होगा इसलिए ज्योतिषीय दृष्टि से इसे उग्र संक्रांति भी माना जाएगा। मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्याेदय से पूर्व स्नान और उगते सूर्य को जलार्पण करके तिल, गुड़ लाल चंदन अर्पण करना बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है। शास्त्रों में इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र, पुरुष सूक्त, नारायण कवच का पाठ करना उत्तम फलदायी कहा गया है। इस अवसर पर तिल, गुड़, कंबल, वस्त्र, अन्न और ब्राह्ण भोजन करना एवं खिचड़ी का भोग भगवान को लगाकर प्रसाद बांटना व्यक्ति के लिए स्वर्ग के द्वार खोलता है।


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