इस मामले में अव्वल बना बनारस, चंदौली समेत दस जिले फिसड्डी, मिली चेतावनी 


ग्राम निधि-प्रथम के कार्यों के लिए चेक से पैसा देना बंद


गौतमबुद्ध नगर और बागपत ने भी हासिल की उपलब्धि


विभागीय निदेशक ने यूपी के दस फिसड्डी जिलों को चेताया

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। सूबे के गांवों में पंचायती राज विभाग की ग्राम निधि-प्रथम मद से कराये जाने वाले कार्यों का ऑनलाइन भुगतान करने में यूपी के सभी जनपदों की तुलना में वाराणसी अव्वल साबित हुआ है। यहां शत-प्रतिशत गांवों में इस निधि के अंतर्गत चेक से भुगतान करने के बजाय पूरी तरह ऑनलाइन पेमेंट किया जा रहा है। फलस्वरूप शासन ने इस दिशा में हुई रैंकिंग में बनारस को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया है। 
ग्राम निधि-प्रथम के तहत राज्य वित्त और 14वें वित्त में विकास कार्यों के लिए केंद्र व राज्य सरकार से धनराशि रिलीज की जाती है। इसमें नाली व खड़ंजा निर्माण, पुराने भवनों का जीर्णाेद्धार व मरम्मत, स्वच्छता कार्य, पुराने हैंडपंपों का रिबोर और उनके मरम्मत कार्यों के लिए खरीदी जाने वाली सामग्री अथवा श्रमिकों का भुगतान आदि चेक के माध्यम से होता रहा है। लेकिन अब सरकारी भुगतान व लेन-देन को पारदर्शी व पेमेंट कार्य प्रणाली की बढ़ाने व सरलीकरण के उद्देश्य को लेकर शासन की ओर से ऑनलाइन सर्विस को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 
इसी क्रम में यूपी के पंचायत राज विभाग में भी यह व्यवस्था पब्लिक फाइनांस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) आरंभ की गयी है। इस सुविधा का लाभ उठाते हुए महकमे ने ग्राम निधि-प्रथम के मद में होने वाले सभी प्रकार भुगतान को ऑनलाइन कर दिया है। खास बात यह कि बीते गुरुवार को विभाग के पीएफएमएस की राज्य स्तर पर हुई रैंकिंग में वाराणसी को अव्वल घोषित किया गया। बनारस ने सभी 760 ग्राम पंचायतों में यह व्यवस्था लागू कर दी है। 
दूसरी ओर, वाराणसी मंडल के कई जिलों समेत पूर्वी तथा पश्चिमी यूपी के कुल दस फिसड्डी जनपदों को निदेशक पंचायती राज फैजल सिंह ने चेतावनी जारी करते हुए 26 जनवरी तक शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों में पीएफएमएस लागू करने का अल्टीमेटम दिया है। 
प्रिया सॉफ्ट-पीएफएमएस की इस एकीकृत प्रणाली के अंतर्गत भुगतान में पीछे रहने वाले इन जिलों में जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, प्रयागराज, आजमगढ़, प्रतापगढ़, सहारनपुर, खीरी, सुल्तानपुर तथा सीतापुर शामिल हैं। वाराणसी के डीपीआरओ शाश्वत आनंद सिंह ने बताया कि जिले के ग्राम सचिवों को पहले ही लैपटॉप की सुविधा मुहैया करायी जा चुकी है। फलस्वरूप ग्राम निधि-प्रथम के कार्यों के ऑनलाइन भुगतान के लिए ग्राम प्रधान और सचिव का डिजिटल हस्तारक्षर होना अनिवार्य है जो पहले से तैयार कर लिया गया था।


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