इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के खिलाफ गरजे विद्युतकर्मी


कार्य बहिष्कार कर अभियंता भी जुटे मुख्य अभियंता कार्यालय पर


समस्त कार्यालयों में पसरा रहा सन्नाटा, राजस्व वसूली हुई प्रभावित

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। नेशनल कोआॅर्डिनेशन कमेटी आॅफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एवं इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर बुधवार को राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत बिजली कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर वाराणसी क्षेत्र के मुख्य अभियंता कार्यालय परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार और इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध सभा में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि यदि केन्द्र सरकार ने संसद में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में निजीकरण के लिए किये जा रहे संशोधन को जबरिया पारित कराने की कोशिश की तो तमाम बिजली कर्मचारी व अभियंता बगैर नोटिस दिये उसी समय लाईटनिंग हड़ताल पर चले जायेंगे। हड़ताल के चलते कार्यालयों में जहां सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, कैश काउंटर बंद रहने से राजस्व वसूली भी प्रभावित हुई। 
संघर्ष समिति ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में प्रस्तावित प्रतिगामी संशोधन एवं नेशनल टैरिफ पॉलिसी के अधिकांश प्रावधान जनविरोधी हैं। किन्तु इनमें सबसे घातक विद्युत आपूर्ति को विद्युत वितरण से अलग कर निजी कम्पनियों को आपूर्ति के लाइसेन्स देना है। राज्य सरकार विद्युत पारेषण व वितरण का नेटवर्क बनायेगी और इसका रखरखाव करेगी। नेटवर्क बनाने व रखरखाव करने पर राज्य सरकार अरबों रुपये खर्च करेगी और बिना एक भी पैसा खर्च किये इस नेटवर्क के जरिये बिजली आपूर्ति कर निजी कम्पनियां भारी मुनाफा कमायेंगी। स्वाभाविक तौर पर पारेषण व वितरण के नेटवर्क का खर्च उपभोक्ता पर डाला जायेगा जबकि मुनाफा निजी कम्पनियों की जेब में जायेगा। नई व्यवस्था में यूनिवर्सल सप्लाई आब्लीगेशन अर्थात सबको बिजली देने की बाध्यता केवल सरकारी कम्पनी की होगी, जबकि निजी कम्पनियों को छूट होगी कि वे अपने मनमाफिक मुनाफा कमाने वाले औद्योगिक व व्यावसायिक उपभोक्ताओं को ही बिजली दें।


घाटे वाले ग्रामीण व घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन न दें। ऐसा होने पर सरकारी आपूर्ति कम्पनी घाटा उठाने वाली कम्पनी बन कर रह जायेगी। किसानों और आम उपभोक्ताओं को 10 रुपये प्रति यूनिट से कम पर बिजली नहीं मिलेगी। सभा को आरबी यादव, एके श्रीवास्तव, आरके वाही, सुनील यादव, राजेंद्र सिंह, मदनलाल श्रीवास्तव, शशिकिरण मौर्या, इंदुबाला, राजेश कुमार, हेमंत श्रीवास्तव, वीरेंद्र सिंह, एके सिंह, अनिल कुमार, ओपी भारद्वाज, रमाशंकर पाल, अंकुर पांडेय, संजय भारती, जीउत लाल, पीके गुप्ता, शशि कुमार, नीरज, रत्नेश सेठ, एमएन गोयल, जेपीएन सिंह आदि ने संबोधित किया।
विद्युतकर्मियों की मांगें
बिजली निगमों का एकीकरण कर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद निगम लि. का पुनर्गठन करने, इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में प्रस्तावित निजीकरण का संशोधन वापस लेने, आगरा फ्रेन्चाईजी तथा ग्रेटर नोएडा के बिजली का निजीकरण निरस्त करने, वर्ष 2000 के बाद भर्ती हुए सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू करने, बिजलीकर्मियों को मिल रही रियायती बिजली की सुविधा पूर्ववत बहाल रखने, सभी श्रेणी के रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करने, संविदा/ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर संविदा कर्मियों को तेलंगाना सरकार के आदेश की तरह नियमित करने, वेतन विसंगतियों का द्विपक्षीय वार्ता से तत्काल समाधान करने, सरकारी क्षेत्र के ताप बिजली घरों का नवीनीकरण व उच्चीकरण करने, निजी घरानों से मंहगी बिजली खरीदने की खातिर सरकारी क्षेत्र के बिजली घरों के बन्द करने की नीति को वापस लेने आदि।


 


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार