गंगा यात्रा: नदियों के पुर्नस्थापन का अभियान, 44 नोडल अफसर व 50 अधिकारी करेगें निगरानी
गंगा यात्रा के लिए गंगातट पर बसे गांवों में कवायद हुई शुरु
बोट में शामिल दल के अलावा सड़क मार्ग में भी चलेगी टीम
डोमरी और राजघाट पर जनसभाओं का हो सकता है आयोजन
जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। बलिया से वाराणसी होकर प्रयागराज होते हुए कानपुर तक होने वाली गंगा यात्रा के जरिये नदियों का पुनर्स्थापन और पुर्नजीवित करने की कवायद होगी। 27 से 31 जनवरी तक चलने वाली इस पांच दिनी यात्रा के दौरान आम लोगों को इस दिशा में जागरूक करेंगे। वाराणसी में यह यात्रा 28 को पहुंचेगी और दूसरे दिन 29 को आगे बढ़ रवाना होगी। इन दो दिनों में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे।
शासन के निर्देश पर बिजनौर से कानपुर और बलिया से कानपुर तक हो रही गंगा यात्रा के लिए वाराणसी जनपद में गंगातट पर बसे 44 गांवों के लिए एक-एक नोडल अफसर तैनात किये गये हैं। आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। इसे देखते हुए संबंधित गांवों व शहरी क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों की निगरानी के लिए लगभग 50 अन्य अधिकारी लगाये गये हैं। चिह्नित गांवों में इस यात्रा को लेकर कई स्तर पर तैयारियों चल रही हैं।
डोमरी में होगी विशाल जनसभा
जानकारी के मुताबिक 28 जनवरी को गंगायात्रा रजवाड़ी से जिले में प्रवेश करेगी और कैथी होकर डोमरी पहुंचेगी। डोमरी में एक विशाल जनसभा प्रस्तावित है। गंगा यात्रा में शामिल लोग उसी दिन शाम को दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में उपस्थिति दर्ज कराएंगे। उससे पहले राजघाट पर भी एक जनसभा होने की उम्मीद है। उसके बाद 29 जनवरी तो गंगा यात्रा में शामिल सदस्य ‘सुबह-ए-बनारस’ का नाजारा लेंगे। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रस्ताव है।
29 को सड़क व बोट मार्ग से चुनार रवाना हो जाएगी यात्रा
यात्रा रामनगर पहुंचने के बाद चुनार रवाना हो जाएगी। यह यात्रा एक साथ दो स्तर पर चलेगी। बोट से और सड़क मार्ग से। बोट के यात्रियों के समानांतर सड़क मार्ग से भी लोग इस अभियान में शामिल रहेंगे। सड़क मार्ग की टीम 29 को अमरा खैरा चौराहा, बच्छांव और करसड़ा होकर आगे बढ़ेगी। दो दिनी इस कार्यक्रम को स्थानीय स्तर पर मूर्त रूप देने के लिए मुख्य रूप से ग्राम्य विकास, पंचायती राज, युवा कल्याण, कृषि और शिक्षा विभाग को कई दायित्व सौंपे गये हैं।
सीडीओ ने नोडल अधिकारियों को सौंपे दायित्व
गंगातट पर बसे 44 गांवों में लगाये गये प्रत्येक नोडल अफसरों को शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने तैयारियों के बारे में बिंदुवार प्रारूप सौंपा। नोडल अफसरों को उन प्रारूपों पर प्रतिदिन डीएम के सामने रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस यात्रा का समापन 31 को कानपुर में होगा। यूपी में गंगा किनारे बसे शहरों के अन्य जिलों में दूसरी टीम गंगा यात्रा करेगी। दोनों दल समापन दिवस पर कानपुर में जुटेंगे। उस मौके पर कानपुर में वृहद कार्यक्रम होंगे।