गबन की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद बनारस के CRO छुट्टी लेकर फरार

कूटरचित दस्तावेज से लाखों के गोलमाल का है आरोप



जनसंदेश न्यूज


वाराणसी। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान लाखों के गोलमामल के मामले में बनारस के मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) अनिल कुमार त्रिपाठी के खिलाफ रपट दर्ज कराई है। तभी के वो फरार हैं। हालांकि उन्होंने कलेक्टर के यहां पिता के बीमार होने की अर्जी लगाई है। सीआरओ के गायब होने से जिले के राजस्व वादों का निपटारा नहीं हो पा रहा है। एसपी सुनीति के निर्देश पर मुकदमा लिखा गया है।


गोलमाल का मामला उस समय का है जो वो औरैया में उप जिलाधिकारी पद पर तैनात थे। साल 2013 से लेकर 2016 के बीच नगर पंचायत बाबरपुर-अजीतमल में हुए निर्माण कार्य और सामान की खरीद-फरोख्त में लाखों का गोलमाल हुआ। शिकायत हुई तो जांच उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के कानपुर परिक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक को जांच सौंपी गई। जांच में बनारस के सीआरओ अनिल कुमार त्रिपाठी के खिलाफ सभी आरोप सच पाए गए। विजिलेंस उप निरीक्षक सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बीते 18 दिसंबर को कोतवाली में अनिल कुमार के खिलाफ अजीतमल थाने में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया। इनके साथ एक और एसडीएम, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष और एक लिपिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सभी के खिलाफ सरकारी धन का दुरुपयोग करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।


उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के उप निरीक्षक सुरेंद्र प्रसाद सिंह के मुताबिक तत्कालीन एसडीएम अनिल कुमार त्रिपाठी इस समय बनारस में सीआरओ हैं। इनके पास 20 मार्च 2013 से लेकर 17 जुलाई 2013 तक अधिशासी अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज था। उन्होंने 21 मई 2013 को 46 इंडिया मार्का हैंडपंप की कोटेशन निकाली थी। उन हैंडपंपों की प्राप्त कोटेशन बृजेश कुमार कॉंट्रेक्टर एंड सप्लायर्स बाबरपुर, प्रभु दयाल-राम स्वरूप फर्म लाटूश रोड कानपुर और जय मां दुर्गे आयरन स्टोर अजीतमल की हुई थी। जिसमें जय मां दुर्गा आयरन स्टोर की सबसे न्यूनतम रुपये 30 हजार रुपये प्रति दर हैंडपंप को अध्यक्ष/अधिशासी अधिकारी ने स्वीकृति दी थी। उक्त फर्म की पत्रावली पर दाई ओर लिपिक मेघ सिंह ने बिल क्रमश: 450000, 300000, 630000 (13,80,000) लगे थे। उन सभी बिलों पर ईओ और अध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं पाए गए।


अजीतमल थाने में सीआरओ समेत पांच लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई है रपट  


जबकि जल निगम के सहायक अभियंता एसके गौतम ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में 46 इंडिया मार्का हैंडपंप स्थापित किए गए। उनके बारे में कोई भी मानक उपलब्ध नहीं कराया गया। ऐसे में मानक के अनुसार जांच संभव नहीं हैं। वहीं, एक लाख से अधिक के टेंडर आमंत्रित किए जाने की कार्यवाही की जानी थी। उसका भी अनुपालन नहीं किया गया। बिना सत्यापन जांच रिपोर्ट के बाद भी लिपिक मेघ सिंह,  ईओ बृजपाल सिंह और अध्यक्ष अशोक कुमार चक ने घोर अनियमितता बरतते हुए भ्रष्ट एवं मनमानी तरीके से जय मां दुर्गा आयरन स्टोर के प्रोपराइटर राकेश कुमार को भुगतान कर दिया।


दूसरी ओर, बोर्ड की मीटिंग में सर्व सम्मति से एक ट्रैक्टर क्रय करने का निर्णय लिया गया। तीन जून 2013 को मां गौरैया इंटर प्राइजेज से एक न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर और 55 ओवर हटिंग एचपी लोडर क्रय करने का शासनादेश जारी किया गया। जिसमें 14 जून 2013 को अग्रिम भुगतान स्वीकृत करते हुए भुगतान कर दिया गया। इस निविदा का प्रकाशन औरैया में न कराकर इटावा जिले में कराया गया।


वित्तीय वर्ष 2013-14 में हुए आरसीसी पुलिया के निर्माण, नाली के निर्माण व इंटर लॉकिंग, सीसी रोड के निर्माण आदि में बड़े स्तर पर अनियमितताएं पाई गईं। सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान ने धांधली मिलने पर ईओ के पद का कार्यभार देख चुके दो एसडीएम और लिपिक सहित पूर्व चेयरमैन को दोषी पाया। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान ने एसपी को पत्र लिखा। एसपी सुनीति के आदेश पर तत्कालीन एसडीएम अनिल कुमार त्रिपाठी, एसडीएम ब्रजपाल सिंह, पूर्व चेयरमैन अशोक चक, सेवानिवृत्त लिपिक मेघ सिंह पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।


औरैया नगर पंचायत में सामानों की खरीद में किया गया था जमकर घपला


तत्कालीन अजीतमल एसडीएम अनिल त्रिपाठी व इसके बाद तत्कालीन एसडीएम बृजपाल सिंह पर ईओ का प्रभार रहा। इस दौरान विकास कार्यों में अनियमिता को लेकर तमाम शिकायतें हुई। वित्तीय अनियमिता शिकायतों पर उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान कानपुर की ओर से जांच कराई गई। करीब तीन साल से अधिक चली जांच के बाद टीम ने नियम विरुद्ध टेंडर व सीधा कोटेशन लेकर कार्य आदेश जारी करने, लंबित भुगतानों पर कमीशन मांगे जाने, निर्माण कार्यों में धांधली और हैंडपंपों को ठीक कराए जाने में अनियमितता व धन उगाही के मामले को सही पाया। इस मामले में तत्कालीन सफाई नायक जालिम सिंह भी जांच के घेरे में आए थे, लेकिन उनकी मौत हो चुकी है। इसलिए उन्हें मामले से दूर रखा गया है।


नगर पंचायत बाबरपुर अजीतमल में ईओ न होने से 20 अप्रैल 2013 से 17 जुलाई 2013 तक तत्कालीन एसडीएम रहे अनिल कुमार त्रिपाठी पर प्रभार रहा था। इसके बाद एसडीएम बृजपाल सिंह के पास ईओ का चार्ज रहा। इन्होंने जल समिति का गठन करते हुए भुगतान कर दिया। जलकल विभाग के तकनीकी अधिकारी से सत्यापन नहीं कराया गया। जेसीबी मशीन की खरीद के लिए भी टेंडर की जगह कुटेशन मांगी गई। गौरैया इंटरप्राइजेज इटावा को इसके लिए कुटेशन पास करते हुए भुगतान कर दिया गया। पेयजल समस्या से निजात पाने के लिए छह नलकूपों के कार्यादेश को जारी कर दिया गया। इसमें फर्जी और कूटरचित तरीके से बिना जलनिगम के आगणन के फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाकर आगणन तैयार कर कुटेशन पर कार्य शुरू करा दिया गया। पुलिया, गली, नाली आदि 26 निर्माण कार्यों में कुछ भुगतान तो किया गया, लेकिन अंतिम भुगतान के लिए कमीशन मांगते हुई विलंब किया गया।


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