दिशा की बैठक में पब्लिक से जुड़े कार्यों को सुदृढ रखने पर जोर

 



 


- सीएमओ के नहीं रहने पर तल्खी, 20 जनवरी को अलग से होगी समीक्षा


- फसल नुकसान पर बीमित किसानों को राहत दिलाने के दिए गए निर्देश


जनसंदेश न्यूज 


बलिया। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें विकास कार्यों से लेकर पब्लिक से जुड़े विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में सीएमओ के नहीं रहने पर सांसद व मंत्री-विधायक ने कड़ी आपत्ति जताई और स्पष्टीकरण मांगने को कहा।
खेल मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने कहा, इस अहम बैठक के लिए मंत्री गण लखनऊ व अपने क्षेत्र से समय निकालकर आते है, ऐसे में सीएमओ का गायब रहना बड़ी लापरवाही है। इस पर सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने जिलाधिकारी से कहा कि सीएमओ को कड़ी चेतावनी निर्गत करें। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की एक अलग से समीक्षा बैठक 20 जनवरी को रखते हुए समस्त अस्पताल के प्रभारियों को भी मौजूद रहने का निर्देश दिया। कहा, स्वास्थ्य से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान करके ही उस बैठक में आना है। 
पेंशन सत्यापन में खण्ड विकास अधिकारी स्तर से लापरवाही पर सभी जनप्रतिनिधि सख्त दिखे। कहा, पेंशन के तकरीबन 42 हजार लम्बित आवेदन रहना आपत्तिजनक है। इसके लिए जिले से सभी बीडीओ को एक सख्त निर्देश भिजवाने को कहा गया। पीएम फसल बीमा योजना की समीक्षा के दौरान जनप्रतिनिधियों ने जोर देकर कहा कि बारिश से जितने भी किसानों का नुकसान हुआ है उनको बीमा कम्पनी द्वारा राहत दिलवाएं। जिनके प्रीमियम कटे है उनको बीमा कम्पनी राहत अवश्य दे। राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने निर्देश दिया कि 21 दिन के अंदर कुल लाभान्वित किए गए किसानों की सूचना जरूर दें। तब इस योजना की विस्तृत समीक्षा होगी।
सिचाई से जुड़ी योजना के बेहतर क्रियान्वयन पर भी बल दिया। आयुष्मान भारत की भ्रांतियां दूर करने के लिए गोल्डन कार्ड से जुड़ी जानकारी सभी अस्पतालों पर लिखवाने का निर्देश दिया गया। सभी सीएचसी-पीएचसी पर सांप व कुत्ते काटने की दवा के साथ वहां उपलब्ध दवाओं की उपलब्धता का भी सत्यापन किसी एक बड़े अधिकारी से करा लेने के निर्देश दिए। सांसद मस्त ने अभी अधिकारियों से सख्त लहजे में यह भी कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी को तीन महीने से भीतर हर लाभ नहीं मिला तो जवाबदेही तय होगी। अग्निपीड़ितों व अन्य आपदा पीड़ितों को एक हप्ते में राहत धनराशि भेजने के साथ विलम्ब करने वाले दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।


धान खरीद की प्रगति को लेकर डिप्टी आरएमओ को फटकार


- धान खरीद की प्रगति को लेकर मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने डिप्टी आरएमओ की जमकर क्लास लगाई। कहा, पिछले वर्ष जहां क्रय केंद्र खोले गए वहां इस बार नहीं खोलने से किसानों को दिक्कत हुई। गडहांचल में कई क्षेत्र में केंद्र नहीं होने से किसान को 20 से 25 किमी दूर तक जाना पड़ रहा है। मंत्री ने धान खरीददारी की जांच किसी उच्च प्रशासनिक अधिकारी से कराने के साथ आगे बेहतर खरीददारी सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।


तकनीकी जांच समिति करेगी जल निगम की परियोजनाओं की जांच


जल निगम की समीक्षा के दौरान विभागीय निर्माण कार्यों की प्रगति पर भी जनप्रतिनिधियों ने कड़ी आपत्ति जताई। शहर में सीवरेज से लेकर ग्राम पंचायतों में पानी टंकी निर्माण की खराब स्थिति पर चिंता जताई। जल निगम की सारी परियोजनाओं की वर्तमान हकीकत और गुणवत्ता जानने के लिए टेक्निकल जांच समिति बनाने का निर्देश दिया गया।
सीवरेज निर्माण के सम्बन्ध में वर्तमान स्थिति की पूरी जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने शासन स्तर पर किए गए प्रयास को बताया। सांसद मस्त ने कहा कि समिति (दिशा) की ओर से भी एक पत्र भिजवाया जाए, ताकि और संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही हो।  


सड़क निर्माण में अनियमितता की जांच के लिए कमेटी गठित


विधायक सुरेन्द्र सिंह ने शिकायत की कि पीएमजीएसवाई योजना के तहत दयाछपरा से नौरंगा की तरफ बनने वाली सड़क का 2.44 करोड़ पेमेंट हो गया, जबकि सड़क पर उतना काम हुआ ही नहीं। सम्बंधित अधिशासी अभियंता ने बाढ़ में सड़क के बाद जाने की बात कही। सांसद मस्त ने पूछा कि ठेकेदार या अन्य जिम्मेदार पर क्या कार्रवाई हुई। इस कार्य के लिए एक जांच समिति गठित कर 15 दिन में रिपोर्ट देने के साथ दोषी से रिकवरी कराने का आदेश दिया। मौके पर ही एसडीएम बैरिया व दो अन्य विभाग के इंजीनियरों की टीम भी बना दी गई।  
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बिजली विभाग की अलग से होगी समीक्षा


दिशा की बैठक की शुरूआत में ही पिछली बैठक की कार्यवृति पर चर्चा हुई और अनुपालन की समीक्षा की गई। बिजली विभाग की स्थिति सबसे खराब मिली, जिस पर जिलाधिकारी से अलग से बिजली विभाग की एक समीक्षा बैठक करने को कहा। 20 जनवरी को बैठक निर्धारित करते हुए इसमें कार्य करा रही एजेंसियों को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। 
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सफाईकर्मी को बड़ी वित्तीय जिम्मेदारी देने पर सवाल, दिए कड़े निर्देश


बैठक में मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा, ऐसी शिकायत मिली है कि पंचायत विभाग में सफाईकर्मी प्रदीप शर्मा पूरे जनपद के खातों में धन भेजने से सम्बन्धी कार्य कर रहा है। अधिकांश सचिवों का डिजिटल सिग्नेचर रखता है और सचिवों का आॅनलाइन कार्य देखता है। जवाब में डीपीआरओ ने सफाईकर्मी के पास कम्प्यूटर का ज्ञान होने का हवाला देते हुए उसका बचाव किया। इस पर सांसद ने सवाल किया कि बलिया में कम्प्यूटर के जानकर की इतनी कमी हो गई है कि एक सफाईकर्मी इतनी बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है। डीपीआरओ को सख्त निर्देश दिया कि ऐसी व्यवस्था खत्म करें। सफाईकर्मी प्रदीप शर्मा को तत्काल हटाकर गांव में तैनात करें। जिनकी जो जिम्मेदारी हैं उसका निर्वहन करें। मंत्री ने यह भी कहा कि सफाईकर्मियों की तैनाती आबादी के हिसाब से गांवों में ही करें। कार्यालय के अकाउंटेंट रामजी की गम्भीर शिकायत के मद्देनजर तत्काल हटाने की बात सभी जनप्रतिनिधि ने की। 
बिजली के चारों खण्ड के कार्यालय अपने क्षेत्र में हों


- विधायक सुरेन्द्र सिंह ने सवाल किया कि जब बिजली विभाग के चार खण्ड है तो सभी खण्ड के कार्यालय जिला मुख्यालय पर ही क्यों है। ये अपने क्षेत्र में होना चाहिए। सांसद मस्त ने निर्देश दिया कि एक हप्ते के अंदर चारों क्षेत्र में कार्यालय बनाकर समिति के सदस्यों को अवगत कराया जाए। सांसद ने विधायक निधि का धन बिजली विभाग द्वारा लेने पर भी सवाल किया। कहा, पावर आॅफ आल योजना में जब सरकार पर्याप्त धन दे रही है तो निधि से धन लेने की जरूरत ही क्या है। अगर सम्भव हो तो निधि का पैसा वापस कर दें, ताकि उसका अन्य जनहित के कार्यों में सदुपयोग किया जा सके। जोर देकर कहा कि जिस काम के लिए निधियों से धन दिया गया है वह काम जल्द पूरा हो। अधीक्षण अभियंता को इसके लिए 15 फरवरी तक का सख्त अल्टीमेटम दिया गया।
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मांझी पुल पर तत्काल रोकें भारी वाहन


- सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि नेशनल हाई-वे पर माझी पुल खतरनाक स्थिति में है। पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि उस पर तत्काल बड़े वाहन बन्द कर दिए जाएं। स्पष्ट किया कि अगर कोई खतरा हुआ तो बड़ी दिक्कत बढ़ जाएगी। पुल के पास लोहे का बैरियर लगा दिया जाए।
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ओडीएफ पर हुई चर्चा


- मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने ओडीएफ घोषित करने पर सवाल करते हुए डीपीआरओ से पूछताछ की। सख्त लहजे में कहा कि सचिवों की कार्यशैली पर नजर रखें। ग्राम सभा की सूची लें और हर वंचित लाभार्थी को धन भिजवाएं। महीने दिन बाद अगर शौचालय नहीं बनता है तो वह सूची थाने पर दे दें। जिनके खाते में धन जाने के बाद भी अगर नहीं बनवाए हैं, उन पर एक्शन होगा तो एक हप्ते में सभी अधूरे शौचालय बन जाएंगे। बशर्ते, एडीओ पंचायत व सचिवों की कार्यशैली में सुधार लाना सुनिश्चित करें। सचिव चाहे तो 15 दिन में अपने पंचायत की सही सटीक सूचना दे सकता है।
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गंगा यात्रा व स्वास्थ्य मेला आयोजन की दी जानकारी
 बैठक से पहले डीएम श्रीहरि प्रताप शाही ने गंगा यात्रा के पूरे रोडमैप की जानकारी सभी जनप्रतिनिधियों से साझा की। कहा, जेपीनगर में एक बड़ी सभा होगी। वहां से निकलने वाली इस यात्रा के बीच में जगह-जगह स्वागत सभा होगी। स्थानीय स्तर पर सम्मानित जनप्रतिनिधियों के अलावा नई दिल्ली से भी अतिथि रहेंगे। गंगा किनारे गांवों में रात्रि विश्राम भी होना है। यह भी बताया कि स्वास्थ्य मेला के लिए 12 लाख धन आया है। दोनों आयोजन के सम्बंध में सबके सुझाव लिए।  
- बैठक के अंत में डीएम श्रीहरि प्रताप शाही ने धन्यवाद ज्ञापित किया। दिशा की बैठक में खेल मंत्री उपेन्द्र तिवारी, राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, विधायक बैरिया सुरेन्द्र सिंह, विधायक बेल्थरा धनंजय कन्नौजिया, नपा चेयरमैन अजय कुमार, ब्लॉक प्रमुख दुबहड़ गुड्डू राय के अलावा सीडीओ बद्रीनाथ सिंह, डीएफओ श्रद्धा, एसडीएम सदर अश्विनी श्रीवास्तव, एसडीएम बाँसडीह दुष्यंत मौर्य, बीएसए शिवनारायण सिंह, उप निदेशक कृषि इंद्राज समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।


 


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