143 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केन्द्र का पक्ष सुने बगैर CAA पर रोक नहीं


जनसंदेश न्यूज 
नईदिल्ली/वाराणसी। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दायर 143 याचिकाओं पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (SC) ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि केंद्र का पक्ष सुने बगैर सीएए और एनपीआर प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाएंगे। उन्होंने केन्द्र सरकार से सभी याचिकाओं पर 4 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। 
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हर किसी के दिमाग में यह मुद्दा सबसे ऊपर है। सीएए के विरोध वाली याचिकाओं पर जवाब मिलने के बाद ही कोई अंतरिम आदेश जारी होगा। अब सीएए की संवैधानिकता पर 5 जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी। 
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हमें सीएए से जुड़ी 60 याचिकाएं ही मिली हैं। पिछली सुनवाई के बाद 83 नई याचिकाएं दायर हो गईं। अब नई याचिकाएं स्वीकार न की जाएं। ऐसे ही अर्जी आती रहीं तो जवाब देने के लिए हमें ज्यादा वक्त चाहिए। अटॉर्नी जनरल ने इसके लिए कोर्ट से 6 हफ्ते का समय मांगा। 
जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते में सभी याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अटॉर्नी जनरल ने मांग किया कि सभी हाईकोर्ट से कहा जाए कि वे सीएए से जुड़े मामलों पर सुनवाई न करें। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सहमति जताई। 


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