151 साल का हुआ ‘पोस्ट कार्ड’, पढ़िएं पोस्ट कार्ड का इतिहास
एक अक्टूबर 1869 में ऑस्ट्रिया में जारी हुआ था पहला पोस्ट कार्ड
विवाह व शुभकामनाओं से लेकर विभिन्न आंदोलनों का गवाह रहा है पोस्टकार्ड
भारत में पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया
अश्वनी कुमार श्रीवास्तव
वाराणसी। डाकिया डाक लाया डाक लाया खुशी का पैगाम कहीं दर्दनाक आया। 70 की दशक में आया यह गाना आज के युवा पीढ़ी को भले ही रास ना आए, लेकिन इस गाने में डाकिया व डाक के महत्व को बाखूबी दर्शाया गया।
सोशल मीडिया में खोई युवा पीढ़ी का पाला भले ही पोस्टकार्ड से न पड़ा हो, पर एक दौर में पोस्टकार्ड खत भेजने का प्रमुख जरिया था। शादी-ब्याह, शुभकामनाओं से लेकर मौत की खबरों तक तो इन पोस्टकार्डों ने सहेजा है। तमाम राजनेताओं से लेकर साहित्यकार व आंदोलनकारियों ने पोस्टकार्ड का बखूबी प्रयोग किया है। अपना वही पोस्टकार्ड एक अक्टूबर, 2020 को वैश्विक स्तर पर 151 साल का हो गया। दुनिया में पहला पोस्टकार्ड एक अक्तूबर 1869 को ऑस्ट्रिया में जारी किया गया था।
पोस्टकार्ड के बारे में पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव बताते हैं कि, पोस्टकार्ड का विचार सबसे पहले ऑस्ट्रियाई प्रतिनिधि कोल्बेंस्टीनर के दिमाग में आया था, जिन्होंने इसके बारे में वीनर न्योस्टॉ में सैन्य अकादमी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. एमैनुएल हर्मेन को बताया। उन्हें यह विचार काफी आकर्षक लगा और उन्होंने 26 जनवरी 1869 को एक अखबार में इसके बारे में लेख लिखा।
ऑस्ट्रिया के डाक मंत्रालय ने इस विचार पर बहुत तेजी से काम किया और पोस्टकार्ड की पहली प्रति एक अक्तूबर 1869 में जारी की गई। यहीं से पोस्टकार्ड के सफर की शुरूआत हुई। दुनिया का यह प्रथम पोस्टकार्ड पीले रंग का था। इसका आकार 122 मिलीमीटर लंबा और 85 मिलीमीटर चौड़ा था। इसके एक तरफ पता लिखने के लिए जगह छोड़ी गई थी, जबकि दूसरी तरफ संदेश लिखने के लिए खाली जगह छोड़ी गई।
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि भारत में पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया। हल्के भूरे रंग में छपे इस पहले पोस्टकार्ड की कीमत तीन पैसे थी और इस कार्ड पर ईस्ट इण्डिया पोस्टकार्ड छपा था। बीच में ग्रेट ब्रिटेन का राजचि मुद्रित था।
चार तरह के होते थे पोस्ट
डाकघरों में चार तरह के पोस्टकार्ड मिलते थे मेघदूत पोस्टकार्ड, सामान्य पोस्टकार्ड, प्रिंटेड पोस्टकार्ड और कम्पटीशन पोस्टकार्ड। ये क्रमशः 25 पैसे, 50 पैसे, छह रुपए और 10 रुपए में उपलब्ध था।
सोशल मीडिया के इस दौर में भी पोस्टकार्ड का चलन अभी बाकी है। इसलिए वर्तमान दौर में भी डाकघरों से चार हजार से अधिक पोस्टकार्ड की बिक्री की जा चुकी है। कृष्ण कुमार यादव, पोस्टमास्टर जनरल