इम्तियाज हत्याकांड: पुलिस कर्मियों से संलिप्तता की जांच शुरु, एएसपी ने अधिवक्ता का लिया बयान


अपर पुलिस अधीक्षक ने केस के अधिवक्ता का लिया बयान




जनसंदेश न्यूज
सोनभद्र। बहुचर्चित नगर पंचायत चोपन अध्यक्ष इम्तियाज हत्याकांड के नामजद अभियुक्तों का पुलिसकर्मियों से संलिप्तता की शिकायत की जांच अपर पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को मिली है। अपर पुलिस अधीक्षक ने अधिवक्ता मो़ अमन खान का लिखित बयान दर्ज किया है।


अधिवक्ता द्वारा अपने बयान में कहा गया है कि 25 अक्टूबर 2018 को नगर पंचायत अध्यक्ष इम्तियाज अहमद की हत्या प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन (जेजेएमपी) के उग्रवादी नक्सलियों द्वारा गोली मारकर कर की गई। इस हत्याकांड में मौके से खूंखार नक्सली जेजेएमपी का एरिया कमांडर कश्मीर पासवान उर्फ राकेट 9 एमएम कारर्बाइन के साथ पकड़ा गया। हत्याकांड में दो नामजद एवं चार अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्घ मामला दर्ज किया गया। अब तक 6 अभियुक्तों को जनपद पुलिस, 2 अभियुक्तों को एसटीएफ द्वारा कोलकत्ता से, 2 अभियुक्तों को बिहार पुलिस द्वारा एवं एक अभियुक्त को झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। नामजद अभियुक्तों ने उग्रवादी नक्सलियों को मोटी रकम देकर हत्या करायी गयी। घटना के समय पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में पीआरओ के पद पर तैनात निरीक्षक देव प्रकाश यादव, प्रभारी जन सूचना प्रकोष्ठ उप निरीक्षक बृजनाथ यादव ने नामजद अभियुक्त राकेश जायसवाल से अलग अलग मोबाइल नम्बरों से अक्टूबर 2018 में 16 व 40 बार बात की है। यहां तक घटना के एक दिन पूर्व भी उक्त दोनों पुलिसकर्मियों की नामजद अभियुक्तों से बात होनी सीडीआर से प्रमाणित है।


उक्त दोनों पुलिसकर्मियों के अतिरिक्त जनपद के एक थाने में तैनात एक तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक द्वारा भी बातचीत की गई है। अपराधियों की धर पकड़ के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक किरीट राठौड़ द्वारा 6 सदस्यी पुलिस टीम का गठन किया गया था। जिसमे प्रभारी जन सूचना प्रकोष्ठ उप निरीक्षक बृजनाथ यादव व उक्त तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक भी शामिल थे तथा इनके द्वारा अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया परन्तु उक्त पुलिसकर्मियों ने इस बात को छुपाए रखा कि नामजद अभियुक्त से लगातार सम्पर्क में है और वे नामजद अभियुक्तों व उनके सहयोगियों को ढूढने एवं पकड़ने के प्रयास का लगातार ढोंग करते रहे। इसमे पुलिसकर्मियों की संलिप्तता साफ जाहिर हो रहा है। विवेचक अवधेश कुमार सिंह निरीक्षक सीबीसीआईडी वाराणसी द्वारा नामजद अभियुक्त राकेश जायसवाल का काल डेटा रिकर्ड सम्बंधित टेलीकम कंपनी से ना प्राप्त कर उसे सेवानिवृत्त तत्कालीन सर्विलांस प्रभारी विनय कुमार सिंह से प्राप्त किया गया है। गौर करने वाली बात यह है कि विनय कुमार सिंह द्वारा महत्वपूर्ण अभियोजन अभिलेख को अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी अपने पास रखा गया तथा काल डेटा रिकर्ड से गम्भीर छेड़छाड़ की गई। ऐसे में तत्कालीन सर्विलांस प्रभारी विनय कुमार सिंह की हत्याकांड में भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।


 


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