पाकिस्तानी टिड्डियों ने खामोशी के साथ बोला हमला, जनपद में कई गांवों से लेकर शहरी इलाकों में दिनभर करते रहे चक्रमण

- मीरजापुर, भदोही, जौनपुर की ओर से इंट्री कर चारों ओर से बोला धावा


- लाखों की संख्या में कई झुंड में आए टिड्डियों को देखकर किसान सहमे


- भारी तादाद में टिड्डियों को देख खेतों की ओर दौड़े कृषक, मचाया शोर


- कृषकों से मिली सूचना पर प्रशासन हुआ अलर्ट, टीमें कराई गईं सक्रिय


- पिंडरा और हरहुआ ब्लाक के आधा दर्जन से ज्यादा गांव में डाला डेरा


- बचाव को केंद्रीय कीट नियंत्रण टीम भी पहुंची, रात्रि में चला अभियान



जनसंदेश न्यूज


वाराणसी। आखिरकार जिसका डर था वही हुआ। वह भी अचानक। बगैर किसी पूर्व सूचना या इनपुट के। अफगानिस्तान और पाकिस्तान से करोड़ों की संख्या में भारत में घुसकर बीते लगभग एक महीने से चक्रमण कर रहे टिड्डियों के दल ने गुरुवार को अचानक बनारस पर धावा बोला। टिड्डी दल पूर्व की प्रशासनिक तैयारियों को धता बताते हुए जनपद में घुसे। यह सब इतना अचानक हुआ कि आसपास के जिलों से बनारस को एडवांस फीडबैक तक नहीं मिल सका। दिन-दहाड़े टिड्डियों के इस हमले से जहां किसान सहम गये वहीं अफसरों में हड़कंप मच गया। अपनी फसलों और बागों को बचाने के लिए किसान खेतों की ओर दौड़ पड़े।


लाखों की संख्या में टिड्डियों के दल दिनभर शहर या गांव के जिस भी इलाके में पहुंचे, वहां बादलों की तरह छाए रहे। मौके की नजाकत को देखते हुए जहां सरकारी अमला सक्रिय हुआ। वहीं, भारत सरकार की ओर से कीट नियंत्रण टीम भी सायंकाल पहुंच गयी। शाम ढलने पर टिड्डी दल ने पिंडरा और हरहुआ ब्लाक के आधा दर्जन से अधिक गांवों में डेरा जमाया तो उन्हें मारने की कार्रवाई शुरु हुई।


टिड्डीयों के दल ने सुबह करीब 8.30 बजे मीरजापुर, जौनपुर और भदोही आदि जिलों से होकर बनारस में चारों से प्रवेश किया। प्रशासन ने अलर्ट मोड में आकर तहसील स्तर पर बैठकें कीं। कई किसानों ने फोन कर अफसरों को टिड्डी दलों के हमले की सूचना दी। उसी बीच कहीं-कहीं बारिश हुई तो उन क्षेत्रों में उड़ रहे टिड्डी गिर गये। उसके बावजूद उनकी लाखों की संख्या में कमी का एहसास नहीं हुआ।



डीएम कौशल राज शर्मा ने भी मीटिंग पर अफसरों को आवश्यक निर्देश दिये। किसानों और आमलोगों को कहना था कि पहले कभी इतनी भारी संख्या में उन्होंने टिड्डियों को एकसाथ उड़ते नहीं देखा। जहां भी टिड्डियों का दल पहुंचता, लोग थाली व अन्य बर्तन आदि पीटकर और शोर मचाकर उन्हें भगाने की कोशिश की। फलस्वरूप तमाम इलाकों में उड़ रहे टिड्डी आगे बढ़ गये। उनके से कुछ अन्य जिलों की ओर कूच किये तो कई दल ने क्षेत्र बदल दिया।


शाम को टिड्डी दलों ने पिंडरा विकास खंड के राजपुर, गंजारी, अमौत, चितौरा, गोधरी और नेहिया गांव के अलावा हरहुआ ब्लाक के पुआरीकला और भोपापुर में डेरा डाला। गांवों की पुष्टि होने के बाद कृषि, तहसील और पंचायत राज विभाग के अफसर और कर्मचारियों के अलावा भारत सरकार की कीट नियंत्रण टीमें भी मौके पर पहुंच गईं। इस कार्य में ऐसे कई इलकाई लोगों को भी लगाया गया जो बाइक पर चक्रमण करते हुए लगातार सूचनाएं दे रहे थे।


सुबह के लेकर शाम ढलने से पहले तक टिड्डीयों के दल चितौरा, राजपुर, नहिया, घोघरी, घोघली, करखियांव, पिंडरा, फूलपुर, बिंदा, खालिसपुर कुआर, मंगारी, नेहीया, प्रेमनगर, अल्लोपुर, बालकिशुनपुर, उदयपुर, बहलोलपुर, साई, आदमपुर, बनियापुर, बनवारीपुर, हरबलमपुर, इटवा, चंदापुर, फकीरपुर, द्वारिकापुर, औरा, आयर, मुर्दहा, काकलपुर, अमरपट्टी, डुबकियां, खरगीपुर, नरपतपुर, तरयां, पूरनपट्टी, नरायनपुर, रमना इलाके में उड़ते रहे।


इसी प्रकार जयरामपूर, चौबेपुर, बर्थराकला, भगतुआ, हसनपुर, सिंहपुर, पतेरवां, छाहीं, फरीदपुर, खरगीपुर, बरियासनपुर, खानपुर, सोनबरसा, सीवो, तोफापुर, पियरी, बनकट, फरीदपुर, संदहा, चिरईगांव, बड़ागांव, ताड़ी, कुआर, फूलपुर, आयर, औरा, बेलवारिया, आदमपुर, जख्खिनी, जयापुर, मुंगवार, असवारी, राजातालाब, पयागपुर, टोडरपुर, मिल्कीचक, मोहनसराय, कनेरी, बैरवन, गंगापुर, शहाबाबाद आदि क्षेत्रों के अलावा शहर के शिवपुर, भोजूबीर, नदेसर, अंधरापुल, तेलियाबाग, जगतगंज, भगवानपुर समेत तमाम इलाकों में टिड्डी दल दिखे।



एक माह तक रहेगी निगरानी : डीएम


डीएम कौशल राज शर्मा ने टिड्डी दल से निबटने की तैयारी बैठक की और अफसरों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित इलाकों में टिड्डी दलों की गतिविधियों पर एक माह तक निगरानी रखी जाएगी----


- ब्लॉकवार टीम बनाकर पर्याप्त संसाधन तैयार रखें। प्रत्येक विकास खंड में एक अधिकारी संपूर्ण मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे।


- कृषि विभाग, फायर ब्रिगेड, तहसील-ब्लाक स्टाफ और संबंधित क्षेत्र के किसानों मिलकर टिड्डियों को भगाने व मारने की कार्रवाई करेंगे।


- दिन में जिन खेतों में  टिड्डी धावा बोलेंगे, वहां तेज आवाज में शोर मचाया जाएगा। रात के अंधेरे में उनके पड़ाव पर दवा छिड़काव होगा।


- अभी प्रभावित सात गांवों में 30-30 स्प्रे मशीन संग सफाईकर्मी 3-3 मीटर पर खड़े होकर बराबर दवा छिड़काव करते हुए आगे बढ़ेंगे।


- कई मोटरसाइकिल चालक टिड्डी दल का मूवमेंट ट्रेस करेंगे। वह लगातार बताते रहें कि लाखों की तादाद में आए टिड्डी किधर जा रहे हैं।


- शाम छह बजे तक प्रभावित गांवों में दवा पहुंचाकर रात्रि आठ-नौ बजे के बीच उनका घोल तैयार रात दस बजे से छिड़काव शुरू कर दें।


- रात दस बजे से दवाओं का छिड़काव सुबह सात बजे तक जारी जारी रखें। इस कार्रवाई के दौरान लेखपाल व अन्य तहसीलकर्मी भी रहेंगे।


- मुहिम के दौरान मुंह ढका रखें। पैंट को नीचे से और शर्ट की आस्तीन व कॉलर भी बांधकर जूते पहनकर सावधानीपूर्वक कार्य हो।


- प्रत्येक गांव में पानी के सोर्स चिह्नित करा लें। जिससे छिड़काव के लिए फायर गाड़ियों को बगैर समस्या तत्काल पानी उपलब्ध हो सके।



इन नंबरों पर दें सूचना


टिड्डी दल की जानकारी देने के लिए जिला कृषि  अधिकारी के मोबाइल फोन नंबर 8840775568 पर जानकारी दी जा सकती है। इसके अलावा कृषि विभाग के अन्य मोबाइल फोन नंबर 9044779391 और 9140252131 पर भी संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है। कंट्रोल रूम की ओर से भी टिड्डियों के मूवमेंट की सूचना भी दी जायेगी।


उधार के हथियार लेकर ‘जंग’ में उतरे


चिरईगांव। किसान हित का दम भरने वाले कृषि विभाग की कृषि रक्षा इकाई टिड्डी दलों से निबटने में गुरुवार के फेल दिखी। इस इकाई के पास संबंधित दवाएं हैं ही नहीं। पूछे जाने पर विभागीय अफसर ने स्वीकार किया कि कृषि रक्षा इकाइयों पर टिड्डियों को रोकने के लिए उपयोगी दवा नहीं है। लेकिन जनपद में 25 सौ लीटर केमिकल आरक्षित करवा दिया गया है। महकमे के दफ्तर में भी 250 लीटर दवा मंगवाकर रखा है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि टिड्डियों से बचाव के लिए कृषि विभाग की तैयारी किस स्तर पर है।


अलर्ट मोड में एयरपोर्ट


बाबतपुर। गुरुवार को टिड्डियों के हमलों को देखते हुए लालबहादुर शास्त्री एयरपोर्ट को भी अलर्ट मोड पर रखा गया। हवाईअड्डे के निदेशक आकाशदीप माथुर ने बताया कि विमान सेवा प्रभावित न हो इस बारे में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पहले ही आदेश जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिये थे। साथ ही टिड्डियों से होने वाले खतरे और बचाव के बारे में बता दिया था। अधिक ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों को टिड्डियों से खतरा नहीं होता। लेकिन प्लेन की लैंडिंग टेकआॅफ के समय टिड्डियों का दल विमानों को नुकसान पहुचां सकता है। यदि टिड्डियों का झुंड विमान के इंजन और अन्य हिस्से में फंस जाएं बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इसलिए बाबतपुर हवाईअड्डे पर एटीसी समेत अन्य एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं।


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