प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वेलेंटाइन डे पर लिखा प्रेम पत्र, रविन्द्रपुरी कार्यालय में ले जाकर भेजा


जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। प्यार, मोहब्बत और इजहार वाले दिन वेलेंटाइन डे को वाराणसी के सांसद पीएम नरेन्द्र मोदी को भी उनके संसदीय क्षेत्र के मुस्लिम युवकों ने प्रेम पत्र भेजा। प्रेम पत्र के माध्यम से युवकों के लोगों ने पीएम मोदी को गंगा-जमुनी तहजीब और तरतीब की बात करते हुए अनेकता में एकता वाले भारतीय संस्कृति की याद दिलाई। शुक्रवार को पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय पहुंच कर उनके नाम से संबोधन प्रेम पत्र को युवाओं ने भेजा। युवकों ने प्रेम पत्र में संविधान की प्रस्तावना को भी लगाया है, जिसमें भारत के एक पंथ निरपेक्ष राष्ट्र होने की बात करता है।



तो आईएं पढ़ते हैं प्रधानमंत्री मोदी को लिखा बनारस के युवाकों का प्रेम पत्र


प्रिय प्रधानमंत्री जी,

भारत सरकार,

हमें पता लगा है कि आप कबीर और बिस्मिल्ला खान की धरती बनारस आ रहे हैं और वो भी मोहब्बत के महीने फरवरी में। आप के इस आने की खबर पर हम बनारस के लोगों के दिल की धड़कन उसी तरह बढ़ गयी है जैसे अपने महबूब के आने की खबर पर बढ़ जाती है। आप का आना लाजिम भी है क्योंकि आप हमारे सांसद जो ठहरे। 
वैसे हमे यह भी पता है कि यह प्रेम का महीना आपके के लिए जरा तकलीफ वाला रहा। इस महीने आपको विदेश यात्राएं करने मौका भी नहीं मिला और दिल्ली के चुनाव में एक मफलर वाले के प्रेम के सामने आप और आपके नफरत फैलाने वाले लोग हार गए, पर इसमें नई बात क्या है प्रेम हमेशा से जीतता आया है और नफरत हमेशा हारता आया है। आज 14 फरवरी को संत वैलेंटाइन को प्रेम फैलाने की सजा के रूप में तब के तानाशाही ताकतों ने मौत के आगोश में दफन कर दिया था पर आप देखिये उसके बाद मोहब्बत और ज्यादा तेजी से फैली और नफरत करने वाले हारते गए। 



आज से 71 साल पहले हमारे देश के मोहब्बत करने वालों ने जब इस देश की बुनियाद रखी तो उन्होंने एक किताब लागु किया। जिसे भारत का संविधान कहते है। पर मुझे ऐसा महसूस होता है की आप और आप के लोग इस किताब को नहीं मानते। मैं इस मुल्क का एक नागरिक होने की हैसियत से आपको को याद दिलाना चाहता हूं कि वह मोहब्बत की किताब संविधान आप और आपके लोग पढ़े और उस पर अमल करें। आप के लोगों ने जिस तरह से दिल्ली में नफरत फैलाया और अब बिहार और बाकि राज्यों में होने वाले चुनावों में उस नफरत के जहर को फैलाने से दूर रहे और मोहब्बत फैला कर चुनाव जीतें। 
आप चाहे तो मेरा लिंच भी करवा सकते है जैसा की आपके लोगों ने पिछले 6 सालों में देश के अलग अलग हिस्सों में किया है।


आप चाहे तो मुझे जेल भी भिजवा सकते हैं, जैसा की आपने देश के तमाम प्यार बांटने वालो के साथ किया। पर मैं फिर भी एक भारतीय मुसलमान होने के नाते आप और आप के लोगों से प्रेम करता रहूंगा। मैंने यह भी सुना था कि आप हम लोगों को हमारे कपड़ों से पहचानते हैं। तो प्रिय प्रधानमंत्री जी मैं चाहूंगा की आप मुझे और मेरे प्रेम निवेदन को मेरे दिल से पहचानते हुए स्वीकार कीजिये। अबकी जब आप बनारस पहुंचिएं तो मैं चाहूंगा की आप कबीर और बिस्मिल्ला खान को भी उनको कपड़ो और विचारों से पहचानने की कोशिश कीजिये।
अंत में एक बात कहना चाहूंगा आपके लोग नफरत के जहर से बहुत बीमार हो गए हैं। मेरा ये प्रेम पत्र पढ़ कर उनको भी सुनाईयेगा ताकि उनकी बीमारी कुछ ठीक हो सके। मैं आपसे और आपके लोगों से एक तरफा इश्क करता हूँ, और मुझे पता है कि एक तरफा इश्क बड़ा तकलीफ वाला होता है, इसलिए आप मेरे प्रेम निवेदन को स्वीकार कीजिए। मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा।


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