गबन के आरोप में फंसे दवा संगठन के प्रदेश महामंत्री के भाग्य का फैसला आज, जानिए कैसे?

छावनी के रमाडा होटल में रविवार को  होगी दवा प्रतिनिधियों की जुटान



जितेंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट
वाराणसी। केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट फेडरेशन (सीडीएफ) यूपी के प्रदेश महामंत्री सुरेश गुप्ता पर संगठन केे अभिलेखों में हेराफेरी का आरोप है। यह भी आरोप है कि उन्होंने संगठन का लाखों हड़प लिया हैैै । गबन के आरोप में फंसेे प्रदेश महामंत्री केे भाग्य का फैसला रविवार को होगा कि उन्होंने गबन किया है अथवा नहीं? इसके लिए प्रदेश भर के सभी जिलों से लगभग तीन सौ प्रतिनिधि छावनी के रमाडा होटल में जुटेंगे। साथ ही इस पर निर्णय लेंगे। वहींं आरोपों से घिरे प्रदेश महामंत्री का दावा है कि आरोप लगाने वाला खुद भ्रष्टाचार में लिप्त है। रविवार को संगठन की बैैैैठक में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। 


बैठक में भाग लेने आए प्रदेश महामंत्री सुरेश गुप्ता ने विशेष मुलाकात में बताया कि मोदीजी को डिजिटल इंडिया चाहिए और इसी लिए वे गैर कानूनी इस कारोबार को बंद कराने में रूचि नहीं दिखा रहे। यदि वे इस कारोबार को बढ़ावा देना चाहते हैं तो इसके लिए उनको कानून बनाना चाहिए। ताकि आॅनलाइन कारोबार के माध्यम से बिक रही दवाओं की गुणवत्ता भी परखी जा सके। उन्होंने बताया कि आॅनलाइन बिकने वाली दवाएं 20 से 25 प्रतिशत सस्ती जरूर होती है, लेकिन यह खतरा बराबर बना रहता है कि दवा सही या नकली, गुणवत्तायुक्त है या नहीं। 
प्रदेश महामंत्री सुरेश गुप्ता ने बताया कि एक तरफ सरकार दुकानों पर बिकने वाली दवाओं के लिए फार्मासिस्ट की अनिवार्यता कर रखी है, लेकिन आॅनलाइन बिकने वाली दवाएं डिलेवरीमैन के माध्यम से बेचा जा रहा है। एक ही ट्रेड में दो तरह के नियमों से भी दवा कारोबारियों में गहरी नाराजगी है। आॅनलाइन दवाओं की बिक्री के खिलाफ विगत तीन साल से संगठन संघर्ष कर रहा है। दो बार देश और दो बार प्रदेश की समस्त दवा की दुकानें तक बंद हुई। फिर भी सरकार मौन साधे हुए हैं। 
उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं, दिल्ली, बाम्बे और चेन्नई हाईकोर्ट ने भी आॅनलाइन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश पारित किया है। तीन हाईकोर्ट के आदेश को भी केंद्र सरकार नहीं मान रही। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि विदेशी पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के नाम पर आॅनलाइन कारोबार करने वाले चंद ट्रेडर्स को मुनाफा कमाने की सरकार ने खुली छूट दे रखी है, जो जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। 
दवा कारोबारियों को मिले फार्मासिस्ट की मान्यता
प्रदेश महामंत्री सुरेश गुप्ता ने बताया कि नयी ड्रग पॉलिसी में सरकार गांव में काम करने वाली आशा व नर्स को भी मरीजों को इलाज करने और दवा मंगा कर देने की छूट देने जा रही है। हम लोग बैठक के माध्यम से मांग करेंगे कि जब आशा व नर्स को यह अधिकार दिया जा रहा है तो दवा कारोबारियों को भी क्यों नहीं दिया जा रहा है, जिसके लिए वे वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। संगठन की मांग है कि वर्षों से दवा बेचने वालों को दो या तीन माह का कोर्स कराया जाए। उनकी परीक्षा ली जाएं और जो पास हो, उनको फार्मासिस्ट की मान्यता दिया जाए। ऐसा होने से दवा कारोबारियों को फार्मासिस्ट सरीखा कानूनी अधिकार मिल जाएगा। बैठक में नयी ड्रग पॉलिसी के कई अन्य प्रावधानों पर भी चर्चा होगा।
सदन के फैसले का करूंगा सम्मान
गबन के आरोप के सवाल पर प्रदेश महामंत्री सुरेश गुप्ता ने कहा कि संगठन के मनोनीीत संगठन मंत्री सुधीर अग्रवाल ने जो आरोप लगाये हैं, वह बेबुनियाद है। मेरे पास तमाम साक्ष्य है, जिसे प्रदेश संगठन की बैठक में सदन के समक्ष रखा जाएगा, ताकि सदन के सामने सच्चाई आ सके। इसके बाद सदन जो फैसला लेगा, उसका सम्मान करूंगा। 
तीन सौ प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री संदीप चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश संगठन की रविवार को होटल रमाडा में होने वाली बैठक की समस्त तैयारियां पूरी कर ली गयी है। प्रदेश भर से करीब तीन सौ प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बैठक में दवा कारोबारियों की तमाम समस्याओं पर जहां विचार-विमर्श होगा। वहीं आंदोलन की रूपरेखा भी तय की जाएगी।


 


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