तीन एसएसपी बदले लेकिन गिरफ्त में  नहीं आया नितेश का हत्यारा


-गिरधारी का नाम इस हत्याकांड में आया,इनाम भी घोषित हुआ लेकिन पकड़ से दूर
-बीते दिनों नये एसएसपी से परिजनों ने लगाई गुहार, कहा न्याय दिलाओ सरकार
रवि प्रकाश सिंह
वाराणसी। बीते साल 30 सितंबर को वाराणसी सदर तहसील में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर ठेकेदार नितेश सिंह उर्फ बबलू की हत्या कर दी जाती है। हत्या के कुछ महीनों का समय केवल इस बात में गुजर जाता है कि इस खौफनाक हत्याकांड को अंजाम किसने दिया। पुलिस महकमे से लगायत क्राइम ब्रांच सुराग जुटाने और अपराधियों की धर पकड़ के लिए तानाबाना तैयार करती रही। इस बीच सुराग के तौर पर एक सीसीटीवी फुटेज जारी किया गया। वो भी प्रमाणिक्ता की ऊहापोह में। अब इस खौफनाक हत्याकांड को साल पूरा होने में केवल एक महीने बचे है। इस बीच तीन एसएसपी आये और गए लेकिन हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। कार्रवाई के केवल मौखिक और कागजों में सिमट कर रह गई। परिवार 11 महीनों से केवल आलाधिकारियों के यहां गुहार ही लगा रहा है। बीते दिनों एसएसपी अमित पाठक से एक बार नितेश सिंह बबलू के परिजन मिले और इस हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।



हत्याकांड के बाद अपराधियों की पकड़ के लिए वाराणसी के क्राइम प्रभारी रहे विक्रम सिंह ने सक्रियता दिखाई थी। उनकी टीम अपराधियों की धर पकड़ के लिए पुख्ता बंदोबस्त कर ली थी कि इस बीच अफसरानों का  एक निर्देश आता है और विक्रम सिंह का तबादला मैनपुरी कर दिया जाता है। सूत्र ये भी बताते है कि हाल फिलहाल में इस हत्याकांड से जुड़े जिस गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर का नाम पुलिस महकमे ने उजागर किया। उस नाम को पहले ही विक्रम सिंह  ट्रेस कर चुके थे। गिरफ्तारी की योजना भी बन गई थी लेकिन ? खैर अब ये महज बीती बाते हैं। सूत्र बताते हैं कि विक्रम सिंह होते तो गिरधारी ही नहीं बल्कि कई और सफेदपोश बेनकाब होते। अंदरखाने इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर रहीं है कि सफेदपोशों ने इस मामले काफी दबाव उपर तक बनाया था। जिसका अंजाम विक्रम सिंह का तबादले बना। गिरधारी का नाम एक दिन पहले तब उजागर हुआ जब सीएम वाराणसी के दौरे आये थे। घोषणा के साथ ही महकमे ने इस अपराधी के उपर 50 हजार का इनाम भी रखवा दिया। बावजूद इसके पुलिस के हाथ उस तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
11 महीने से परिजन लगा रहे दौड़
बीते दिनों कप्तान को दिये प्रार्थनापत्र में भाई अकलेश सिंह ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर तमाम सवाल उठाया। उन्होंने सीधे तौर पर शासन और सत्ता के बरीबी लोगों की तरफ इशारा किया। उनका स्पष्ट कहना था कि इस मामले जानबूझ कर लटाया गया । अब इस मामले में ठेकेदार नितेश सिंह बबलू का परिवार एसएसपी से न्याय की उम्मीद कर रहा है। परिवार का कहना है कि 11 महीने का समय बीतने को है लेकिन अबतक कुछ पता नहीं चला।


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