आखिर आरोपी पर क्यों मेहरबान हैं सीएमओ? फर्जी तरीके से हस्ताक्षर व पासवर्ड बनाकर किया गया करोड़ों का भुगतान



जनसंदेश न्यूज़
बलिया। सीएमओ कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक पर आखिर सीएमओ क्यों मेहरबान है? यह समझ से परे है। विगत कई माह पहले एनआरएचएम मे फर्जी तरीके से हस्ताक्षर और पासवर्ड बनाकर कई करोड़ का भुगतान करने के मामले मे नवंबर 2019 में कोतवाली मे पांच लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था। आरोप है कि एक आरोपी पर कृपा रखते हुए विवेचना के दौरान उसका नाम बाहर निकाला गया, जबकि चार आरोपियों को गबन के आरोप में जेल भेज दिया गया है।
हरेन्द्र नाथ तिवारी की शिकायत पत्र पर गौर करें तो सीएमओ कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक अपने समय के सभी फाईलों पर हस्ताक्षर किया था। जेम पोर्टल की आड़ में कोरोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गयी। इसके बाद भी सीएमओ साहब की कृपा कनिष्ठ लिपिक पर बरकरार है और उन्हे चार्ज भी दे दिया गया।
शिकायतकर्ता ने डीएम को पूरे मामले से अवगत कराते हुए प्रकरण की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। यही नहीं, इस मामले मे प्रभारी मंत्री अनिल राजभर ने जांच के आदेश भी दिये और तत्कालीन जिलाधिकारी ने एक लाख से अधिक के भुगतान के मामले पर त्रिस्तरीय जांच कमेटी बनाकर पूरे मामले को गंभीरता से लिया था। जिलाधिकारी के जाने के बाद मामला शांत हो गया। जो भी हो, यदि ठीक से जांच हो जाय तो कई लोगों पर गाज गिर सकती है।


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