स्नान करते-करते गंगा के गहरे पानी में समा गये दो युवक, पूरे गांव में मचा हड़कंप
दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मल्लाहों ने निकाला शव
जनसंदेश न्यूज़
मझौवां/बलिया। हल्दी थाना क्षेत्र अंतर्गत गंगा नदी के मझौवा दीयरी घाट पर बुधवार की सुबह स्नान करने गए दो बच्चों की डूबने की सूचना से हड़कंप मच गया। जो जैसे ही था, वैसे ही गंगा घाट की ओर निकल पड़ा। देखते ही देखते गंगा घाट पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। एसएचओ सत्येंद्र कुमार राय ने गोताखोरों के माध्यम से डूबे बच्चों की खोजबीन शुरू करवाया। करीब दो घंटे बाद दोनों बच्चों का शव को भरसौता निवासी मोहन मल्लाह ने नदी में से ढूढ निकाला। शव निकलते ही परिजन दहाड़े मार कर रोने लगे।
मझौवा गांव निवासी लल्लन गोंड का 15 वर्षीय पुत्र नीरज गोंड व ददन गोंड का 18 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार गंगा नदी के मझौवा दियरी घाट पर स्नान गए थे। स्नान करते वक्त पैर फिसलने के कारण गहरे पानी में समा गए। आस-पास स्नान करने वाले लोग जब तक बचाने का प्रयास करते, दोनों गहरे पानी में समा गए। गंगा घाट पर भीड़ बढ़ने के बाद पुलिस लोगों को लॉक डाउन के चलते खदेड़ने लगी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
तीन बहनों का इकलौता भाई था आशीष
मझौवां। मृतक आशीष कुमार गोंड के पिता ददन गुजरात में नौकरी करते हैं। वह इस समय लॉक डाउन में गुजरात में ही फंसे हुए हैं। मां रिंकी देवी भी इलाज कराने के लिए दिल्ली अपने भाइयों के पास गई हुई है। आशीष घर पर अपने तीनों बहनों के साथ रह रहा था। बुधवार को गंगा में स्नान करने के लिए गया था, जहां पैर फिसलने के कारण गहरे पानी में समा गया। वह अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र था। गंगा नदी में डूबने के बाद ददन गोंड के परिवार का चिराग ही बुझ गया।
भाई की मौत के बाद बहनें अंजनी, शिवांगी व अंशिका का रोते-रोते बुरा हाल हो गया है। आशीष क्षेत्र के मदर टेरेसा स्कूल में कक्षा 7 में पढ़ता था। आशीष की मौत ने गांव सहित विद्यालय परिवार को भी झकझोर कर रख दिया है। आशीष के डूबने की सूचना पिता ददन गोंड व माता रिंकी देवी को मिली तो उनका रोते-रोते बुरा हाल हो गया। वह बदहवास होकर पागलों की तरह फोन पर बात करना शुरू कर दिये।
नीरज का शव देख बदहवास हुई मां
मझौवां। मृतक नीरज गोंड के पिता लल्लन भी बाहर नौकरी करते हैं। वह लाकडाउन में बाहर फंसे हुए हैं। बेटे के नदी में डूबने की सूचना लल्लन को फोन से मिली तो वह दहाड़े मार कर रोने लगे। मृतक तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। दूसरे भाई का नाम अंकुश और तीसरे का अंकित है। नीरज के शव को देखकर घाट पर ही माता रेनू देवी दहाड़े मारकर रोने लगी।