न बैंड, न बाजा और न बाराती, छत पर सजा मंडप और हो गई शादी, पुरोहित बोले, अगले डेढ़ साल शादी का मूहुर्त नहीं है अनुकूल!


जनसंदेश न्यूज़
सूरत/गुजरात। राजस्थान निवासी और सूरत प्रवासी कपड़ा व्यवसायी ने कोरोना कहर को चुनौती देते हुए समाज के सिस्टम को बदल दिया और शादी निरस्त करने के बजाय सादगी से सिमित परजिनों के बीच छत पर सात फेरे लेकर विवाह की रस्में पूर्ण कर ली। 
मूलतः राजस्थान के पूनामिया परिवार के पुत्र दिशांक पुत्र राजेश पूनामिया की शादी बरलोता परिवार की पुत्री पूजा बरलोता संग 16 अप्रैल को निर्धारित थी। शादी की सारी रस्में राजस्थान में धूमधाम से सम्पन्न होना पहले से ही तय था। जिसकी सारी तैयारियां पहले से ही पूर्ण कर ली गयी थी। मगर वर और वधू के परिजनों के सारे अरमानों पर कोरोना संक्रमण ने पानी फेर दिया और विवाह निरस्त करना ही एकमात्र विकल्प शेष रह गया था। 



परिजनों ने बताया कि उन्होने पुरोहित की राय ली और ज्ञात हुआ कि आगामी डेढ़ वर्ष तक शादी का मूहूर्त उनके लिए अनूकूल नही रहेगा। इसलिए शादी समारोह निरस्त हो सकता है, मगर शादी के फेरे नहीं। वर्तमान में कोरोना संक्रमण से घोषित लाकडाउन में शादी के सात फेरे कैसे लिए जाएगें । रिवार वाले अपार्टमेंट की छत पर शादी सम्पन्न करने का निर्णय लिया। गुरवार को पुरोहित ने वर-वधू का विवाह छत पर ही मंत्रोच्चार के साथ पूर्ण करा दिया। सूरत के कैलाशनगर इलाके में छत पर सम्पन्न हुई। शादी में घरवाले ही बाराती बने और गिने-चुने परिजनो की मौजूदगी में शादी सम्पन्न हो गयी तथा औरों के लिए यह शादी प्रेरणादायक भी बनी।


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