सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद बंद, अन्नदाता हलकान


28 फरवरी तक होनी थी खरीद, तय सेंटरों से लौट रहे किसान


निजी क्षेत्र में कारोबारियों को कम रेट पर बेच रहे हैं धान


तयशुदा केंद्रों पर बेचे धान का बकाया लेने लगा रहे दौड़

जनसंदेश टीम
वाराणसी। शासन से निर्धारित तिथि से पहले ही सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीद बंद कर दिये जाने से उन अन्नदाताओं के सामने मुश्किलें खड़ी हो गयी हैं। जिन्होंने या तो अबतक अपना धान समर्थन मूल्य पर नहीं बेचा है या बेचने के लिए कुछ धान अवशेष रह गये हैं। ऐसे किसानों को निजी क्षेत्र के खरीदारों का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। 
और तो और तमाम ऐसे किसान भी हैं जिन्हें सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचे गये धान का पूरा भुगतान अबतक नहीं मिला है। वह पेमेंट के लिए क्रय केंद्रों का चक्कर काट रहे हैं। दूसरी ओर, कई धान क्रय केंद्रों पर तय लक्ष्य पूर्ण कर लिये जाने का दावा है। धान क्रय केंद्रों पर 28 फरवरी तक धान की बिक्री होनी थी। 
चांदमारी प्रतिनिधि के अनुसार हरहुआ विकास खंड के एकमात्र आयर स्थित धान क्रय केंद्र पर धान की खरीद लगभग एक माह से ठप है। कई किसान यहां अपने बकाया भुगतान के लिए प्रतिदिन दौड़ लगा रहे हैं लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिल रहा है। मौके पर मौजूद कर्मचारी कागजी प्रक्रिया पूर्ण करने में जुटे हैं। यहां धान की खरीद बंद होने के चलते अन्नदाता साहूकारों को औने-पौने दाम पर धान बेचने के लिए बाध्य हो रहे हैं। 
आयर केंद्र पर करीब 27 सौ कुं. धान की खरीद हुयी है। वहीं, 40 किसानों का 18.27 लाख रुपये के भुगतान लंबित है। उनमें सलेमपुर के सीताराम सिंह का 36 कुं., संग्राम यादव का 11 कुं., मुर्दहा के पारस नाथ सिंह का 70 कुं. 40 किलो, और मुर्दहा 70 कु 40 किलो, औरा गांव के रामकृपाल चौबे ने 59 कुं. 20 किलो धान बेचा है। 
हरहुआ गांव के दिनेश सिंह और औरा गांव के जितेंद्र पांडेय ने बताया कि लंबित भुगतान के लिए सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। उन्ह७ोंने आरोप लगाया कि सरकार की धान खरीद योजना धराशायी है। शासन को अन्नदाताओं की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है। 
चिरईगांव प्रतिनिधि के मुताबिक स्थानीय ब्लाक के गौराकला, यूपी भगतुआ और नरायनपुर में स्थापित तीन धान क्रय केंद्रों पर बीते साल एक नवंबर से धान की खरीद शुरु हुई थी। यह क्रम आगामी 28 फरवरी तक चलना था लेकिन बीच में ही खरीद रोक दिये जाने से असमंजस में पड़े किसानों के पास बिचौलियों के जरिये धान बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।  
विकास खंड के बर्थराकला के किसान वंश नारायण पांडेय, रामगोपाल, छितौना के अरविंद आदि को गौराकला सेंटर से यह कहते हुए लौटा दिया कि धान की खरीद शासन स्तर से बंद है। वहीं. दावा किया गया है कि किसानों का भुगतान उनके खातों में किया जा चुका है। 
पिंडरा प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय विकास खंड के तीन क्रय केंद्रों पर खरीद का लक्ष्य पूर्ण कर लिये जाने का दावा है। लेकिन बकाये भुगतान पर केंद्र प्रभारी चुप्पी साधे हुए हैं। बताया जा रहा है कि 60 फीसदी किसानों का भुगतान कर दिया गया है। इन्हीं केंद्रों में से एक फुलपुर सेंटर पर बताया गया कि किसानों का पेमेंट लंबित होने के चलते धान की खरीद बंद है। यहां खरीद 24 लाख रुपये की हुई है और पेमेंट सिर्फ 8.50 लाख रुपये किया गया है। 
जंसा प्रतिनिधि के मुताबिक सेवापुरी ब्लाक में तक्कू के बावली धान क्रय केंद्र पर लक्ष्य से अधिक खरीद का दावा किया गया है। विकास खंड के किसानों में सभाजीत सिंह ने 58 कुं., हर्षवर्द्धन सिंह ने 80 कुं., झुगुरी 53 कुं., प्यारी देवी ने दस कुं. और सुदामा देवी ने 47 कुं. धान यहां बेचा है। केंद्र प्रभारी बबीता सिंह ने बताया कि बीते 29 जनवरी को हही खरीद का टार्गेट पूरा कर लिया गया है।


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