इंटरनेशनल किक बॉक्सिग में स्वर्ण और रजत जीतने वाले खिलाड़ियों का हुआ जोरदार स्वागत, प्रबंधक सहित अन्य ने दी बधाई



जनसंदेश न्यूज़
दिलदारनगर/गाजीपुर। स्टेशन पर इंडियन ओपन इंटर नेशनल किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में चार स्वर्ण और दो रजत पदक जीत कर वापस लौटे खिलाड़ियों का शनिवार को लोगों ने जोरदार स्वागत किया। 
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर सुबह से ही लोग इंटर नेशनल किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर आ रहे खिलाड़ियों का इंतजार हो रहा था। जैसे ही मगध एक्सप्रेस ट्रेन स्टेशन पर रूकी तो बड़ी संख्या में लोगों ने माला पहना कर स्वागत किया और नारेबाजी की। कोच निलेश यादव ने बताया कि 9 से 13 फरवरी के बीच दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित इस अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 14 देशों के करीब 850 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और 7 इवेंटों में सभी खिलाड़ियों ने अपना दम दिखाया। 



गाजीपुर जनपद से 6 खिलाड़ी ने भाग लिया। जिसमें 47 किलोग्राम से उपर के भार वर्ग महिला में शिखा यादव ने स्वर्ण पदक और 47 किलोग्राम के नीचे के भार वर्ग में काजल यादव को रजत पदक हासिल हुआ। बताया कि पुरूष वर्ग में 47 किलोग्राम से उपर भार वर्ग में हर्ष पाठक और अभिषेक सिंहॉ सालिम अंसारीको स्वर्ण पदक और सुहैल अहमद को रजत पदक हासिल हुआ। जिसको लेकर क्षेत्र में हर्ष व्याप्त है। मेडल पाये दो छात्र सन साइन पब्लिक स्कूल के हर्ष पाठकॉ शिखा यादव एवं कुश स्मारक बालिका इंटर कॉलेज की छात्रा काजल है। 
वही मेडल जीत कर आये खिलाड़ियों का कुश स्मारक उच्चतर माध्यमिक के प्रधानाचार्य आभा सिंह ने स्वागत किया। इस अवसर पर हेड कोच अब्दुल सलाम खान,कोच निजामुद्दीन राईनी, अमित कुमार सिंह, चन्द्र शेखर सिंह, महफुज खां, चन्दन तिवारी, बलवंत सिंह, संजीत कुशवाहा, मोहित यादव, बाबर खां, पप्पू यादव सहित खिलाडियों के अभिभावक आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे। 



सन साइन स्कूल ने किया सभी खिलाड़ियों का स्वागतक सेरा पोखरा स्थित सन साइन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक अमित कुमार सिंह, अध्यक्ष चन्द्रशेखर सिंह सहित विद्यालय के स्टाफ खिलाड़ियों को रिसीव करने स्टेशन पहुंचे। जहां विद्यालय के सभी स्टाफ ने माला पहनाकर मिठाई खिलाई और बधाई दी।


 


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

चकिया प्रीमियर लीग के फाइनल में केजीएन क्लब ने धनावल को दी शिकस्त, यह रहे मैच के हीरो

काशी विद्यापीठ में शोध के लिए निकलेगा आवेदन, अब साल में दो बार होगी पीएचडी की प्रवेश परीक्षा