गांव पहुंचा बीएसएफ के सहायक कमांडेंट का शव, मचा कोहराम, शहीद का दर्जा दिये जाने की मांग कर परिजनों ने नहीं की अंत्येष्टि



जनसंदेश न्यूज़
मछलीशहर/जौनपुर। कोतवाली क्षेत्र के गोहका गांव निवासी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट विजय बहादुर यादव की गुरुवार जम्मू कश्मीर स्थित कठुवा जिले में अपने कमरे में गुरुवार सुबह गोली लगने से मौत हो गई थी। 
शनिवार सुबह विजय बहादुर का शव पहुंचते ही कोहराम मच गया। शव पहुंचने के आधे घंटे बाद जिला अधिकारी दिनेश सिंह, पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मंत्री गिरीश चंद्र यादव, सांसद बीपी सरोज भी मृत जवान के घर पहुंच गए। उनके पहुंचते मृत जवान का बेटा विनोद कुमार, विकास व उनके चाचा हंसराज यादव सहित सभी ग्रामीण उनको मौके पर शहीद का दर्जा देकर अंत्योष्टि करने की मांग पर अड़ गए। 



जिसके बाद जिलाधिकारी मृत जवान के शव के साथ जम्मू से आये असिस्टेंट कमांडेंट मोहित कुमार ने बताया कि मृत जवान की मृत्यु के बाद वहां लोकल पुलिस व बीएसएफ ने दो पर मुकदमा दर्ज किया है। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नही आई है। इसके अलावा यहां उनकी अंत्योष्टि भी पूरे सम्मान के साथ की जा रही है। उनकी मौत की सारे आंकड़े जुटाए जा रहे है जैसे ही सारी रिपोर्ट व जांच हो जाएगी। उन्हें शहीद का दर्जा दे दिया जाएगा। 
किंतु परिजन सहित ग्रामीण मौके पर उन्हें शहीद का दर्जा देकर अंत्योष्टि की मांग पर अड़े हुए है। परिजनों की मांग के आगे प्रशासन भी बेबस नजर आ रहा था। जम्मू से आएं अधिकारी मोहित कुमार ने मृत जवान के परिजनों की संतुष्टि के लिये दो बार बीएसएफ के आईजी रैंक के अधिकारी से बात भी कराई। फोन पर उन्होंने मृत जवान के पुत्र विनोद से बात भी कराई। किन्तु शव पहुंचने के चार घंटे बीत जाने के बाद पंचायत होती रही।



अधिवक्ताओं ने भी की मृत जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग 
शोक सभा कर न्यायिक कार्य से विरत रहे अधिवक्ता कोतवाली क्षेत्र के गोहका गांव निवासी जम्मू कश्मीर में तैनात सहायक कमान्डेंट विजय बहादुर यादव की गोली लगने से मौत की सूचना पाकर शनिवार को अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन हुआ।जिसमें अधिवक्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर मृतक आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित किया।
इस अवसर पर अधिवक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता की मौत सीमा पर गोली लगने से हुई है। आत्महत्या की खबर झूठी है। जिसके कारण जवान के परिजन आहत हैं। अधिवक्ताओं ने शासन व प्रशासन से मांग किया कि मृत जवान को शहीद का दर्जा मिलना चाहिये। अधिवक्ताओं ने मृतक के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त किया। शोक में अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। शोक सभा में वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, प्रेम चंद्र विश्वकर्मा, केदार नाथ यादव, आर.पी.सिंह, अशोक श्रीवास्तव, सुरेश बहादुर सिंह, विनय पाण्डेय, अजय सिंह, सती राम यादव, विकास यादव सहित सभी अधिवक्ता उपस्थित रहे।


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